हिमाचल में बनी 14 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसओ) द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में यह खुलासा हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों में बनी 36 जीवन रक्षक दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। सीडीएसओ ने 1025 सैंपल की जांच की थी जिसमें से 36 गुणवत्ता के मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। ये सैंपल पंजाब, हरियाणा, गुजरात, सिक्कम व हिमाचल से लिए गए थे। ड्रग विभाग ने इन सभी उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार शिवम इंटरप्राइजिज कालाअंब द्वारा बनाई गई रैनिटिडिन इंजैक्शन का सैंपल फेल पाया गया है। इस इंजैक्शन का इस्तेमाल पेट के अल्सर को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसी प्रकार डिजिटल विजन कालाअंब की दवाई काइकोल्ड का सैंपल भी फेल हुआ है। स्काट एडिल फार्मा बद्दी द्वारा बनाए गए एमिकासिन इंजैक्शन की रिपोर्ट भी फेल पाई गई है। एम्ब्रोलाइट डी सिरप का उत्पादन हिल क्राफ्ट बद्दी द्वारा किया जा रहा है। सर्दी-जुकाम के मरीजों को दी जाने वाली इस दवा का सैंपल भी निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। इसी प्रकार थियोन फार्मा नालागढ़ से लिया गया प्रीगैबलिन कैप्सूल का सैंपल भी फेल हुआ है। इसके आलावा पैंटाप्राजोल गैस्ट्रो रैजिस्टैंस टैबलेट का सैंपल श्रीराम हैल्थकेयर बद्दी से लिया गया था। डायरिया के मरीजों को यह दवा दी जाती है। रेबेपराजोल का सैंपल इनावा कैपटेब कंपनी बद्दी से लिया गया था। इसी प्रकार ट्रामाडोल हाईड्रोक्लोराइड टैबलेट का सैंपल टिडल लैबोरेट्रीज घुमारवीं बिलासपुर से लिया गया था।
मिथाइलकोबालामिन विटामिन सी का सैंपल भी टिडल लैबोरेट्रीज से ही लिया गया था। इस दवा के सैंपल की रिपोर्ट भी फेल पाई गई है। बुपिवाकेन हाईड्राक्लोराइड का सैंपल हैल्थ बायोटैक बद्दी से लिया गया था। इसका सैंपल भी फैल हुआ है। केयर मैक्स फार्मुलेशन संसारपुर कांगड़ा से लिया गया डाईक्लोफेनिक सोडियम का सैंपल भी फेल हुआ है। यह दर्द निवारक दवा है तथा आपात स्थिति में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके आलावा डाक्टर सॢजकल वर्क हरियाणा से लिया गया कॉटन व आईवस ड्रग्स मध्यप्रदेश से लिए गए सोडियम लैक्टेट का सैंपल भी फेल पाया गया है। हरियाणा की हिदुस्तान एंटीबायोटिक्स से लिए गए रेनिटिडिन टैबलेट का सैंपल भी फेल हुआ है। राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह का कहना है कि विभाग द्वारा सबंधित कंपनियों के खिलाफ नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।