शिमला
संयुक्त किसान मंच की बैठक में विभिन्न किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। पिछले कुछ समय से सेब के दामों में आ रही गिरावट के बाद सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि भारत सरकार 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देती है लेकिन प्रदेश में उत्पादित एक भी फसल पर समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा है।प्रदेश में उगाई जाने वाली फसलों को एमएसपी के दायरे में लाया जाए जिससे किसानों को फसलों के उचित दाम मिल सके। मंच ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मांगो को लेकर एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा जिसका परिणाम यह हुआ है कि प्रदेश में टमाटर, अदरक, व अब सेब के बागबानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सेब की बम्पर फसल हुई है लेकिन सरकार के हस्तक्षेप के बिना दाम गिर गए है। एचपीमसी व हिम्फेड बहुत कम दामों में सेब खरीदती है व पैसों का भुगतान भी समय पर नहीं होता है। तंवर ने कहा कि प्रदेश में सरकार को कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करनी चाहिए थी वह नहीं हुई है। न्यूनतम समर्थन मूल्य व किसानों बागबानों के मुद्दों को लेकर आंदोलन खड़ा किया जाएगा जिससे सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।
कुलदीप तंवर ने राकेश टिकैत के हिमाचल दौरे पर कहा कि वह किसानों के सम्मानित नेता है। वह किसानों बागबानों से जुड़े मुद्दों को उठाने हिमाचल आए थे लेकिन उनके साथ जो व्यवहार किया गया वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह सब प्रायोजित था जिसकी वह कड़ी निंदा करते हैं।