जैसे-जैसे लोगों की निर्भरता कंप्यूटर, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे साइबर क्राइम भी बढ़ रहे है। ऐसे में साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए विशेषज्ञों और इस दिशा में साइबर लॉ में शिक्षा और कॅरियर अपनाने और जनजागरूकता की नितांत आवश्यकता है। इसी विषय को लेकर एपी गोयल शिमला विश्वविद्यालय की ओर से 19 जून को बड़े स्तर पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी आईपीएस डॉ. संजय कुंडू और मध्यप्रदेश पुलिस रिफॉर्म्स के डीजीपी आईपीएस मैथलीशरण गुप्ता बतौर मुख्य साइबर लॉ विषज्ञ व साइबर लॉ में कॅरियर, साइबर अपराधों से निपटने के लिए पुलिस की भूमिका और भविष्य पर अपने अनुभव सांझा करते हुए व विशेषज्ञ के रूप में विद्यार्थियों सहित वेबिनार में शामिल होने वाले शिक्षकों, लोगों और अन्य राज्यों के प्रतिभागी विद्यार्थियों को व्याख्यान देंगें। वेबिनार की मेजबानी एपीज गोयल शिमला विश्विद्यालय के वाईस चांसलर प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी करेंगें। वाईस चांसलर चौधरी ने अपने संदेश में कहा है कि पूरी दुनिया में साइबर स्पेस का अपना एक कानून है जिसका मकसद इंटरनेट के जरिए अंजाम दिए जाने वाले अपराध के हाईटेक रूप से साइबर क्राइम कहा जाता है और ये साइबर अपराध दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है क्योंकि इस दिशा में आम लोगों में कंप्यूटर टेक्निकल साक्षरता, जागरूकता का अभाव, विशेषज्ञों की कमी और शिक्षा संस्थानों में स्पेशल साइबर लॉ की शिक्षा प्रदान किए जाने की कमी महसूस की जा रही है। वाईस चान्सलर प्रो. रमेश चौधरी ने विशेषकर युवा पीढ़ी से आग्रह किया है कल होने वाले इस वेबिनार में शामिल होकर विषज्ञों की राय जरूर सुनें और साइबर लॉ में अपना कॅरियर बनाएं।
उन्होंने विशेषकर युवा पीढ़ी पर भरोसा जताया है कि साइबर एक्सपर्ट बनकर साइबर अपराध को रोकने में सक्षम हैं यदि उन्हें इस दिशा में सही तालीम मिले और ये युवा पढ़-लिखकर विभिन्न क्षेत्रों, पुलिस सोसाइटी, कानूनी क्षेत्रों और समाज में लोगों को जागरूक कर साइबर अपराधों से सुरक्षित कर साइबर एक्सपर्ट के रूप में रोज़गार हासिल भी कर राष्ट्र की सुरक्षा में रोज़गार के साथ अपना बेहतर योगदान देने में सक्षम हैं।
वेबिनार में शामिल होने के लिए एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से learn.agu.edu.in/webinar आईडी भी जारी की है जिस पर प्रतिभागी रिजिस्टर कर सकते हैं।