अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने का शिक्षा विभाग पर लगाया आरोप
राजगढ़ 22 सितंबर
शिक्षा विभाग द्वारा हाल में जारी मुख्याध्यापक की पदोन्नति सूचि में अनुसूचित जाति रोस्टर में पात्र टीजीटी अध्यापकों की अनदेखी की गई है जिससे अनुसूचित जाति से संबध रखने वाले करीब 80 टीजीटी अध्यापकों की पदोन्नति न होने पर विभाग व सरकार के प्रति रोष व्याप्त है ं। यह आरोप हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कर्मचारी कल्याण महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष ओंकार सिंह भाटिया द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में शिक्षा विभाग पर लगाए गए हैं । उन्होने बताया कि अनुसूचित जाति वर्ग के टीजीटी अध्यापकों के साथ जानबूझकर अन्यायपूर्ण भेदभाव किया जा रहा है जोकि बिल्कुल भी सहन नहीं होगा
इनका कहना है कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश शिक्षा निदेशालय द्वारा 12 सितंबर 2022 को जारी पदोन्नति सूची में 250 टीजीटी को मुख्य अध्यापक बनाया गया है । जिसमें अनुसूचित जाति के टीजीटी अध्यापकों की रोस्टर में अनदेखी की गई है । जोकि विभाग की बहुत बड़ी चूक है। भाटिया ने बताया कि जो भी टीजीटी पदोन्नत हुए हैं वह सामान्य वरिष्ठता सूची के आधार पर किए गए हैं । बीते वर्षों का उदाहरण देते हुए ओंकार भाटिया ने बताया कि गत वर्ष 03 दिसंबर, 2021 को जारी सूची में 277 टीजीटी अध्यापकों को पदोन्नत करके मुख्याध्यापक बनाया गया था । इस डीपीसी में भी अनुसूचित जाति के रोस्टर की अनदेखी हुई थी और सभी टीजीटी सामान्य वरिष्ठता की आधार पर पदोन्नत किए गए थे । हालांकि 17 दिसंबर 2020 को जारी सूची में 269 टीजीटी अध्यापकों को पदोन्नत करके मुख्याध्यापक बनाया गया था । जिसमें रोस्टर प्रणाली के तहत 42 अनुसूचित जाति के टीजीटी को मुख्य अध्यापक बनाया गया था ।
भाटिया का आरोप है कि वर्ष 2021 और 2022 में 527 टीजीटी अध्यापकों को पदोन्नत करके मुख्याध्यापक बनाया गया है जिसमें अनुसूचित जाति के रोस्टर के आधार पर करीब 80 टीजीटी अध्यापकों की पदोन्न्ति सुनिश्चित थी । परंतु शिक्षा विभाग द्वारा रोस्टर नियमों को दरकिनार करके अनुसूचित जाति के टीजीटी अध्यापकों के साथ एक घोर अन्याय किया गया है जो अपने आप में गैर संवैधानिक है। राष्ट्रीय महासचिव हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग कर्मचारी कल्याण महासंघ द्वारा प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग से मांग है कि अनुसूचित जाति से संबध रखने वाले 80 टीजीटी अध्यापकों को शीघ्र मुख्याध्यापक बनाया जाए तथा इस बारे सप्लीमेंट्री पदोन्नति सूची तुरंत जारी की जाए अन्यथा महासंघ उचित कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा। ओंकार सिंह भाटिया ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा इस पदोन्नति मामले बारे गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो कर्मचारी कल्याण महासंघ धरना प्रदर्शन करने से गुरेज नहीं करेगा ।
संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा कुलदीप कुमार तथा डिलिंग हैंड पवन कुमार से जब इस बारे बात की गई । उन्होने बताया कि रोस्टर के मुताबिक पदोन्नति की गई है तथा अनुसूचित जाति वर्ग के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीें किया गया है ।