हर बार की तरह इस बार भी राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के चुनाव काफी दिलचस्ब रहे। कड़ी चुनौतियों और पूरा दमखम लगाने के बाद अब संघ की कार्यकारिणी तय हो गई है। राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ की कमान अब भूपिंदर सिंह बाबी के हाथों में चली गई है। भूपिंदर ने अध्यक्ष पद के दूसरे दावेदार और दो बार के अध्यक्ष रहे संजीव शर्मा को कुल 165 मत से मात दे दी । उपाध्यक्ष पद पर राजेंद्र सिंह मियां ने बड़ी जीत दर्ज की है। पूर्व महासचिव कमल कृष्ण शर्मा को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। बता दें कि ये दोनों स्थापित कर्मचारी नेता रहे हैं परन्तु इस बार कर्मचारी लहर किसी दूसरी तरफ निकल गई।
शिमला स्थित राज्य सचिवालय परिसर में संघ के विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों ने मतदान किया। रोचक बात ये रही कि इस बार 800 वोटर थे, जिनमें 740 ने मतदान किया। चुनाव में सचिवालय के अलावा, राजभवन, लोकायुक्त, लोक सेवा आयोग के कर्मचारी भी शामिल हुए। विभिन्न पदों के लिए कुल 15 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और कई दिनों तक प्रचार किया। अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव पदों पर सीधी टक्कर रही। जबकि संयुक्त सचिव पद पर त्रिकोणीय, कोषाध्यक्ष पद पर बहुकोणीय मुकाबला हुआ। अध्यक्ष पद के लिए संजीव शर्मा, महासचिव पद पर केके शर्मा ने तीसरी बार चुनाव लड़ा। कमल शर्मा दो बार महासचिव का चुनाव जीते हैं। इससे पहले वह कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव भी रहे हैं।
पिछली मर्तबा दूसरे स्थान पर थे भूपेंद्र
पिछले चुनाव में संजीव शर्मा ने 227 मत प्राप्त कर चार प्रतिद्वंदियों को परास्त किया था। तब चुनाव में भूपेंद्र सिंह बॉबी दूसरे नंबर पर रहे थे। संजीव शर्मा ने अपने भूपेंद्र सिंह बॉबी को 36 मतों से शिकस्त दी थी। भूपेंद्र सिंह को उस वक्त 191 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे अन्य दोनों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। पर इस मर्तबा कर्मचारियों का भरोसा भूपेंद्र सिंह पर रहा और उन्होंने संजीव शर्मा को शिकस्त दी।