हिमाचल की राजधानी शिमला में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए वोटिंग हुई, जिसमें हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास सूद को नए अध्यक्ष होंगे। उपाध्यक्ष पद के लिए तरुण शर्मा और सचिव पद के लिए अभिलाषा कौंडल को चुना गया।
बता दे कि बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव में 1224 में से 1015 मतदाताओं ने मतदान कर नई कार्यकारणी का चुनाव किया। अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास सूद ने 681 वोट लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कुमार ठाकुर को हराया। नरेश कुमार ठाकुर को 329 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद के लिए तरुण शर्मा ने 584 वोट लेकर अपने प्रतिद्वंद्वी धीरज वशिष्ठ को हराया। धीरज वशिष्ठ को 421 मत मिले| सचिव पद के लिए अभिलाषा कौंडल ने 519 वोट लेकर अपने प्रतिद्वंदी अभिनव पुरोहित को हराया। अभिनव पुरोहित को 491 मत मिले। हाइकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद शर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए। इन चुनावों को अधिवक्ता राजेश मंढोतरा, मेहर चंद ठाकुर मलय कौशल, अमित बाली, वरुण चौहान, मानसिंह, प्रशांत शर्मा, अविनाश जरियाल व सुमित शर्मा ने पूरे करवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई । हाईकोर्ट में सुबह 10 बजे से ही वकील वोट देने के लिए कतारों में लगे हुए हैं। इस बार करीब 1224 से अधिक अधिवक्ता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे। चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पद के लिए सीधा मुकाबला हो रहा है।
नरेश ठाकुर और अंकुश दास सूद के बीच था मुकाबला
बता दे कि अध्यक्ष पद के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कुमार ठाकुर व वरिष्ठ अधिवक्ता अंकुश दास सूद के बीच मुकाबला था। जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए मुकाबला अधिवक्ता धीरज वशिष्ठ व तरुण शर्मा के बीच है। महासचिव पद के लिए अधिवक्ता अभिलाषा कौंडल व अभिनव पुरोहित चुनावी मैदान में थे। वोटों की गिनती शाम 4 बजे के बाद हुई।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के इस चुनाव में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। सभी वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए थे। लेकिन अधिवक्ता अंकुश दास सूद इस चुनाव में बाजी मार गए। चुनाव में उतरे उम्मीदवारों ने कहा कि वह इस चुनाव में वकीलों को कोर्ट में आने वाली समस्याओं और उनकी मांगों को लेकर साल भर लड़ाई लड़ेंगे। हालांकि, इस चुनाव में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। अधिवक्ताओं का कहना है कि इस चुनाव में हार जीत मायने नहीं रखती है, सभी वकील एकजुट होकर कोर्ट में लोगों के केस लड़ते हैं और अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए भी अपनी मांग रखते हैं। ऐसे में देखना ये है कि इस बार के चुनाव में किस उम्मीदवार को जीतने में कामयाबी मिलती है।