हिमाचल के वरिष्ठ आईपीएस जहूर हैदर जैदी की नियमित जमानत याचिका ख़ारिज हो गई ।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट ने बताया कि उनकी याचिका न्यायमूर्ति अरुण मोंगा द्वारा खारिज कर दी गई थी, हालांकि आदेश को अपलोड किया जाना बाकी है अभी।
अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने कहा कि मुकदमे को प्रभावित करने के प्रयास में उस पर दबाव डाला जा रहा था, इसके बाद ज़ैदी ने उच्च न्यायालय का रुख कर लिया था।
जैदी का तर्क यह था कि धमकी या धमकी के संबंध में केवल आदेश का आधार नहीं बन सकता है।
बता दे जैदी वर्ष 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में एक नाबालिग से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक की हिरासत में मौत से संबंधित एक आरोपी है।
लड़की 4 जुलाई, 2017 को लापता हो गई थी। दो दिन बाद उसका शव हलाला के जंगलों से मिला था। सार्वजनिक आक्रोश, जैदी की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया गया था। इसने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से एक की थाने में मौत हो गई, जिसके बाद दोनों मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।