राजधानी शिमला में मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर एक सरकारी कर्मचारी से 11 लाख 42 हजार रुपए की ठगी कर ली गई। इतनी बड़ी रकम जमा कराने के बाद न तो मोबाइल टावर लगाया गया और न ही उन्हें रुपए वापस मिले। मामला जिला के सदर थाना क्षेत्र का है तथा पीड़ित ने पुलिस में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित उपायुक्त कार्यालय शिमला में चतुर्थ श्रेणी कर्मी है।
पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित ने कहा है कि उसे एक निजी कम्पनी की तरफ से कॉल आई, जिसमें उसे पेशकश की गई कि अपनी जमीन पर कम्पनी का मोबाइल टावर लगाने पर कम्पनी उसे 25 लाख रुपए देगी। पीड़ित के अनुसार फोन करने वाले अज्ञात लोगों ने खुद को कम्पनी का कर्मचारी बताया और वह उनकी बातों में आ गया।
पीड़ित का कहना है कि कम्पनी के कर्मचारी होने का दावा करने वाले अलग-अलग व्यक्ति लगातार उसे फोन करते रहे और इन्होंने टॉवर लगाने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ मांगे। दस्तावेज़ भेजने के बाद आरोपियों ने बताया कि उसके सभी दस्तावेज ठीक हैं तथा टावर लगाने की रजिस्ट्रेशन फीस उनके खाते में जमा करा दें। इसके बाद आरोपियों द्वारा टेक्स, जीएसटी, बीमा व अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए रुपए जमा करवाने को कहा गया।
पीड़ित का कहना है कि वह 11 लाख 42 हज़ार आरोपियों के खाते में जमा करवा चुका है, लेकिन फिर भी मोबाइल टावर नहीं लगा। इसके बाद आरोपियों के मोबाइल भी स्विच आफ हो गए। पीड़ित की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।