हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला नगर निगम के चुनाव जल्द हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शिमला नगर निगम के 5 वार्डों की डीलिमिटेशन से जुड़े मामले को खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग ने इस केस को नफरत करने की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी जो कि खारिज हो गई है। कोर्ट लिखित कॉपी मिलने के बाद आयोग नगर निगम के 34 वार्डो के चुनाव की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने बाली है।
राज्य चुनाव आयोग मार्च या अप्रैल के पहले सप्ताह में कभी भी शिमला नगर निगम के चुनाव की घोषणा कर सकता है। नगर निगम के चुनाव पिछले साल जून में प्रस्तावित थी लेकिन कोर्ट केस के कारण अभी तक नहीं हो पाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले नगर निगम शिमला के पास नहीं बने वालों को डी लिमिटेशन को लेकर हाई कोर्ट के आर्डर पर स्टे लगाया था। अब कोर्ट ने यह केस वापस ले लिया है।
बता दी प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम के 5 वार्डों की पता तो सूची को त्याग करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई थी। यह 5 वार्ड समरहिल बालूगंज टूटीकंडी,नाभा और फागली है। कोट किस होने के कारण राज्य चुनाव आयोग मतदाता सूची को बनाने का काम शुरू नहीं कर सका है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने स्टे विड्रॉ कर लिया है। ऐसे भी अब 5 वोटों की मतदाता सूची बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
नए वार्डों को डि-नोटिफाई करने के लिए सरकार ऑर्डिनेंस लेकर आई। वार्डों की संख्या कम करने को लेकर सरकार विधानसभा में बिल पेश करेगी। पूर्व की जयराम सरकार ने जो 7 नए वार्ड बनाए थे, उनमें शांकली, लोअर कृष्णा नगर, डेंगू धार, कुसुम्पटी -2, ब्रोकहोस्ट, लोअर विकासनगर और लोअर खलीणी शामिल थे। इसके बाद शिमला नगर निगम में वार्डों की संख्या बढ़कर 41 हो गई थी।