शिमला
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में एक और न्यूज़ नेटवर्क, “दी न्यूज़ राडार,” के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह कार्रवाई द न्यूज रडार न्यूज़ नेटवर्क के कार्यकारी संपादक सुनील चड्डा द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद की गई है। इस रिपोर्ट में हिमाचल सरकार की वित्तीय अनियमितता और हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार का विश्लेषण किया गया था।
*शिकायतकर्ता का आरोप*
यह मामला शिमला निवासी श्री संदीप औकता (50), पुत्र श्री गुमान सिंह, हेमंत निवास, परिमहल, कुसुम्पटी, शिमला की शिकायत पर दर्ज किया गया है। शिकायत के अनुसार, 8 अक्टूबर 2024 को जब संदीप औकता मॉल रोड, शिमला में थे, तो उन्होंने अपने फोन पर “दी न्यूज़ राडार” की वेबसाइट देखी। इस दौरान उन्होंने एक खबर देखी, जिसमें कहा गया था कि हरियाणा में कांग्रेस की हार के पीछे हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन जिम्मेदार था।
औकता ने आरोप लगाया कि न्यूज़ पोर्टल ने कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने के उद्देश्य से यह झूठी खबर प्रकाशित की। उन्होंने दावा किया कि यह रिपोर्ट तथ्यों पर आधारित नहीं थी और इसका मकसद कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचाना था।
*मोदी, नड्डा और शाह ने उठाया था मुद्दा*
“दी न्यूज़ राडार” की रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि भाजपा के शीर्ष नेताओं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल थे, ने हिमाचल प्रदेश के वित्तीय संकट को हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हरियाणा में प्रचार के दौरान इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और सुक्खू सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल खड़े किए थे।
*न्यूज़ राडार ने कांग्रेस का पक्ष भी रखा*
पत्रकारिता के उच्च मानकों का पालन करते हुए, “दी न्यूज़ राडार” की रिपोर्ट में कांग्रेस का पक्ष भी रखा गया था। रिपोर्ट में मुख्यमंत्री सुक्खू के बयान को शामिल किया गया था, जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भुगतान में देरी एक रणनीतिक वित्तीय निर्णय था और यह किसी गहरे संकट का संकेत नहीं था। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना था कि भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है ताकि हरियाणा में अपने 10 साल के शासन की विफलताओं से जनता का ध्यान भटका सके।
**मीडिया स्वतंत्रता पर सवाल**
इस FIR के बाद हिमाचल प्रदेश में मीडिया की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े हो गए हैं। हिमाचल में सविधान के चौथे स्तंभ का गला घोंटने की कोशिश की जा रही है।पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य दोनों पक्षों को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करना है, लेकिन इस तरह की कानूनी कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता पर एक गंभीर खतरे के रूप में देखी जा रही है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) के तहत मीडिया को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है, और ऐसे मामलों में प्रेस की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े होते हैं।