हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने गुटबाजी करने वाली सात ब्लॉकों की कार्यकारिणी भंग कर दी हैं। विधानसभा चुनावों से पहले संगठन की मजबूती के लिए दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है। अब 10 दिनों में नई कार्यकारिणियों का गठन किया जाएगा। पार्टी के प्रति समर्पित नेताओं को पदाधिकारी बनाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला के निर्देशानुसार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष और सांसद प्रतिभा सिंह ने ब्लॉक कांग्रेस कसौली, हमीरपुर, कांगड़ा, सुलह, पच्छाद, जोगिंद्रनगर और सरकाघाट को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
कांगड़ा से कांग्रेस विधायक पवन काजल ने बीते दिनों ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इसके चलते ब्लॉक कांग्रेस कांगड़ा को भंग किया गया है। अन्य ब्लॉकों में पर्यवेक्षकों ने सक्रिय नेताओं की कमी पाई है। संगठन के लिए मजबूती से काम नहीं होने की दिल्ली में हाईकमान को पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट दी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पर्यवेक्षकों ने हाईकमान को क्रमवार कमियों से अवगत कराया है। इस पर संज्ञान लेते हुए शुक्ला ने ब्लॉक भंग करने का फैसला लिया है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी हमीरपुर को भंग करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस नेताओं ने पार्टी मंच पर इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस कार्य समिति की ओर से जारी एक अधिसूचना में प्रदेशभर में कुछ ब्लॉक कमेटियों को भंग करने की घोषणा की गई है। इसमें हमीरपुर सदर विधानसभा क्षेत्र की ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भी शामिल है। इस निर्णय पर प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव अनीता वर्मा काफी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हम विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े हैं और इस तरह के निर्णयों से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
वर्मा ने कहा कि पार्टी को ब्लॉक कमेटियां भंग करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एक पूरी टीम की तरह पिछले काफी समय से विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का प्रचार जोरों शोरों से कर रही है। अब इस समय कमेटी को भंग करने से आम कार्यकर्ताओं और जनता में गलत संदेश जाएगा। अनीता वर्मा ने कहा कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश पटियाल एक रिटायर्ड तहसीलदार हैं और कर्मचारी वर्ग में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं। इसमें उनको और उनकी पूरी टीम को हटाए जाने से पूर्व कर्मचारियों में भी एक गलत संदेश जाएगा। उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी से यह मांग की है कि अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और कोई भी ऐसा निर्णय न लें, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरे।