शिमला
ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव के अंतर्गत डॉ० यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 27 विद्यार्थी (8 छात्र एवं 19 छात्राएं) कंडाघाट स्थित कृषि विज्ञान केंद्र सोलन में 21 दिनों के प्रशिक्षण में भाग लिया। इसमें छात्रों को कृषकों की कृषि संबंधित परेशानियों और उससे जुड़े उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। छात्रों ने कृषि विज्ञान केंद्र में प्राकृतिक खेती और उससे जुड़ी प्रणाली के बारे में जाना एवं कार्य किया।
छात्रों ने उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़ग के दो गांव दावंसी एवं धधोग में आधारभूत सर्वेक्षण एवं किसानों से वार्तालाप किया। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत कोट में स्थित किसान उत्पादक संगठन को स्थापित करने एवं इसके संचालन के बारे में जानकारी दी गई। कसौली स्थित किसान उत्पादक संगठन, जो की कृषि विज्ञान केंद्र सोलन के सहयोग से बना है, के प्रधान डॉक्टर लोकेश शर्मा ने संगठन के बारे में संपूर्ण जानकारी छात्रों से साझा की। छात्रों को किसान उत्पादक संगठन में नए सदस्यों को जोड़ने की प्रक्रिया के बारे में भी अवगत करवाया गया और 31 किसानों को सदस्य के रूप में संगठन से जोड़ा गया।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन छात्रों का कुरगल के प्रगतिशील किसान हरबंस ठाकुर, जो कि विदेशी सब्जियों के व्यावसायिक उत्पादन का कार्य कर रहें हैं एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से बने कृषि उत्पादक संगठन, कंडाघाट के प्रधान हैं, और प्राकृतिक कृषि के प्रगतिशील किसान शैलेंद्र शर्मा के साथ एक चर्चा सत्र का भी आयोजन किया गया| इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक डॉ० अनुराग शर्मा, डॉ० आरती शुक्ला और डॉ० मीरा देवी ने पूरे प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।