हमीरपुर, 20 जून: पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि जिस तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देहरा विधानसभा क्षेत्र में पिछली बार कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डॉ राजेश शर्मा ने अपने समर्थकों की बैठक के बीच रोते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उन्हें मुख्यमंत्री आवास ओक ओवर में प्रताड़ित करने और धमकाने के आरोप लगाए हैं, उससे एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि सुक्खू पार्टी के नेताओं और विधायकों के साथ किस तरह सुलूक करते हैं। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू झूठ, फरेब, छलकपट करने और धमकाने की राजनीति में माहिर हैं। उन्होंने कहा कि झूठ बोलने में उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री दो दिन पहले तक कह रहे थे कि मेरे परिवार से कोई राजनीति में नहीं उतरेगा। फिर उन्होंने पत्नी को उपचुनाव में उतार दिया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी का मायका देहरा में है जबकि असलियत यह है कि उनका मायका देहरा में नहीं बल्कि परागपुर में पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार झूठ बोलकर जनता को भ्रमित नहीं कर सकते। जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, मुख्यमंत्री का एकमात्र एजेंडा चुने हुए विधायकों को जलील करने और उन्हें प्रताड़ित करने का रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री के मुख से निकले हुए शब्द पत्थर पर लकीर की तरह होते हैं लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू झूठी घोषणाएं करने और अपनी बात से पलटने में माहिर हैं। उन्होंने कहा झूठ, फरेब और छलकपट की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। जनता समय आने पर माकूल जवाब देती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी तक युवाओं को हर साल एक लाख नौकरी देने का वायदा पूरा नहीं कर पाए हैं । प्रदेश में 18 से 60 साल आयु वर्ग के सभी महिलाओं को प्रतिमा ₹1500 भत्ता देने का वायदा भी पूरा नहीं किया गया है और इस वायदे को पूर्ण करने के लिए भी कई शर्तें थोप दी गई हैं। अगर एक विधानसभा क्षेत्र में 25 हजार के करीब महिलाएं इस भत्ते की हकदार बनती हैं तो उनमें से सिर्फ 3000 महिलाओं को ही यह भत्ता मिलेगा जबकि बाकी महिलाओं के साथ वादा खिलाफी होगी।