विधायक सुरेन्द्र शौरी ने किया निरीक्षण, सरकार और विभागीय उदासीनता पर जताई गहरी चिंता
कुल्लू
बंजार क्षेत्र में निर्बाध यातायात और स्थानीय आवागमन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बंजार बाईपास सड़क मार्ग पर हालिया भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। इन घटनाओं ने न केवल यातायात को बाधित किया है, बल्कि सड़क किनारे बसे 12 मकानों को ढहने के गंभीर खतरे में डाल दिया है।
आज क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र शौरी ने स्वयं प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया, स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने इस पूरी स्थिति को अत्यंत गंभीर और प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया है।
विधायक शौरी ने बताया कि वर्ष 2023 की बरसात में भी इसी मार्ग पर व्यापक भूस्खलन हुआ था और तभी से स्थानीय मकान खतरे की जद में आ गए थे। इसके बावजूद दो वर्षों में न तो लोक निर्माण विभाग ने कोई सुरक्षात्मक उपाय किए और न ही सरकार ने स्थायी समाधान की दिशा में कोई पहल की।
उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग सुरक्षा दीवार निर्माण जैसे त्वरित और आवश्यक कदम उठाने से पीछे हट रहा है, और बजट की कमी का बहाना बनाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों ने विधायक के समक्ष खुलकर रोष प्रकट करते हुए कहा कि वे वर्ष 2023 से ही विभाग से सुरक्षा दीवार व भूस्खलन रोधी उपायों की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन विभागीय उदासीनता ने आज उन्हें इस भयावह स्थिति में ला खड़ा किया है। ग्रामीणों ने चेताया कि यदि विभाग ने शीघ्र प्रभाव से सुरक्षात्मक कार्य आरंभ नहीं किए, तो वे विभाग और सरकार का घेराव करेंगे।
विधायक शौरी ने मौके से ही दूरभाष पर संबंधित अधिकारियों से बात कर निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र में राहत, बचाव व पुनःस्थापन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि बाईपास सड़क मार्ग की बहाली और वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा अब और देर नहीं सह सकती।
विधायक शौरी ने स्पष्ट कहा कि बंजार बाईपास सड़क पर व्यापक भूस्खलन हुआ है, और सरकार की निष्क्रियता को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इस सड़क मार्ग की बहाली अब वर्षों तक लटक सकती है। उन्होंने मांग की कि सरकार के प्रतिनिधि विशेष आपदा राहत पैकेज के अंतर्गत इस सड़क के पुनरुत्थान के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रदेश सरकार के समक्ष रखें, ताकि प्रभावित आबादी को शीघ्र राहत मिल सके।
विधायक शौरी ने सभी प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया कि वे स्वयं इस मामले की निगरानी करेंगे और जब तक स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक हर स्तर पर संघर्ष करते रहेंगे।










