शिमला : राजीव आवास योजना के तहत इनके लिए शिमला शहर के लालपानी में तैयार किए आशियाने निगम ने अपने कर्मचारियों को दे दिए। घर के इंतजार में बैठे गरीब परिवारों को अब भी किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। इनमें से कई परिवारों की आर्थिक हालत ऐसी है कि यह मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में छह साल से अपना घर मिलने का इंतजार कर रहे गरीब परिवारों को नगर निगम ने बड़ा झटका दिया है। राजीव आवास योजना के तहत इनके लिए शहर के लालपानी में तैयार किए आशियाने निगम ने अपने कर्मचारियों को दे दिए। घर के इंतजार में बैठे गरीब परिवारों को अब भी किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। इनमें से कई परिवारों की आर्थिक हालत ऐसी है कि यह मकान का किराया तक नहीं दे पा रहे। नगर निगम राजीव आवास योजना के तहत लालपानी में गरीबों के लिए आशियाने बना रहा है। साल 2015 से इसका काम चल रहा है। यहां 300 से अधिक गरीब परिवारों के लिए आशियाने बनने थे लेकिन बाद में पर्याप्त जमीन न मिलने पर प्लान बदल गया।
अब यहां 64 परिवारों के लिए आशियाने बन रहे हैं। छह ब्लॉक लगभग तैयार हैं जिनमें 48 परिवार शिफ्ट होने हैं। पहले दावा किया गया कि जल्द ही उद्घाटन करवाकर गरीब परिवारों को इसमें शिफ्ट किया जाएगा लेकिन इसी बीच निगम ने अचानक प्लान बदल दिया। गरीबों को घर देने के बजाय अपने कर्मचारियों को इनमें भेज दिया। अभी 16 कर्मचारियों को यह आवास अलॉट किए हैं। जल्द ही दूसरे कर्मचारियों को भी यहां भेजा जा रहा है। पार्षद बिट्टू कुमार ने कहा कि निगम गरीबों के साथ अन्याय कर रहा है। इनके लिए बनाए आवास इन्हें हैंडओवर किए जाने चाहिए।