शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का पहला हरित राज्य बनाने का दावा कहां गया। शपथ ग्रहण से लेकर बजट तक मुख्यमंत्री ने हिमाचल को देश का पहला हरित राज्य बनाने को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहीं थी। सरकार बने 9 महीनें और विधान सभा में बजट को आये लगभग 7 महीनें का समय बीत गया है। इस दौरान सरकार ने हिमाचल को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में कौन से कदम उठाए हैं। इस बात का जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ़ हज़ार इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा एचआरटीसी में शामिल करने और निजी बसों के संचालकों को इलेक्ट्रिक वाहन लेने पर सब्सिडी देने की घोषणा थी, परिवहन मंत्री प्रदेश को बतायें कि कितने निजी बस संचालकों को यह सब्सिडी अब तक दी गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश को हरित ऊर्जा प्रदेश बनाने की बातें कर खूब वाहवाही लूटी। मीडिया में खूब सुर्ख़ियाँ बटोरी और इसके बाद सब कुछ भूल गए। सरकार के गठन को नौ महीनें का समय हो गया है लेकिन इस दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा एक भी प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह सारे वादे, सारी योजनाओं की घोषणा मुख्यमंत्री ने बिना किसी प्लान के ही कर दी थी। इसलिए आज तक इन योजनाओं का क्रियान्वयन नहीं हो पाया है और जिस प्रकार यह सरकार काम कर रही है उससे यह साफ़ है कि इनकी हिमाचल को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की कोई नीयत भी है। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा प्रदेश का भविष्य है और प्रदेश में हरित ऊर्जा के लिए अपार संभावनाएं हैं। इसलिए हरित ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार को गंभीर प्रयास करने चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि अब सरकार को बने नौ महीनें का समय हो गया है, अब लोग सरकार की ख़ाली बातें सुनने नहीं बल्कि सरकार द्वारा किए गए वादे को पूरा करने का इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए सरकार में बैठे लोगों को इधर- उधर की बात करने के बजाय वादे पूरे करना चाहिए।
दो साल में डेढ़ हज़ार इलेक्ट्रिक बसें ख़रीदने का लक्ष्य आठ महीनें में कितना पूरा हुआ
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ ने कहा था कि प्रदेश को 2025 तक हरित ऊर्जा प्रदेश बनायेंगे। शिमला हमीरपुर और काँगड़ा में पेट्रोल और डीज़ल वाहन की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए एचआरटीसी के बेड़े में डेढ़ हज़ार इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी। पहले चरण में 150 इलेक्ट्रिक बसें ख़रीदी जाएंगी। पहले चरण में 50 अलग-अलग जगहों पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाने की घोषणा भी कर दी और सभी पार्किंग स्टेशन में भी इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की सुविधा देने का वादा किया था। आज इन सभी वादों को किए हुए आठ महीने से ज़्यादा का समय हो गया है, अब तक सरकार इस मामले में क्या कर पाई है। सरकार को यह प्रदेश के लोगों को ज़रूर बताना चाहिए।
कितने मेगावॉट का सौर संयंत्र लगाया है
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने अगले नौ महीनें में 200 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा था। 2024 के अंत तक 500 मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना करने और हर ज़िले की 2 पंचायत को ग्रीन पंचायत के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। इसके लिए 250 किलोवॉट से लेकर 2 मेगावॉट के सोलर प्लांट लगाने के लिए राज्य सरकार ने 40 प्रतिशत सब्सिडी देने और उत्पादित बिजली को ख़रीदने के लिए भी कहा था। मुख्यमंत्री बताएं कि वह अब तक कितने लोगों को प्लांट सब्सिडी दे चुके हैं और कितनी बिजली ख़रीद चुके हैं।
बजट में ग्रीन हिमाचल के लिए घोषित सब्सिडी कितनें लोगों को मिली
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में प्रदेश को हरित ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए कहा था कि प्रदेश में छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी ख़रीदने पर 25 हज़ार की सब्सिडी मिलेगी। ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई जाएगी। निजी ई-बस और ई ट्रक ख़रीदने पर पचास प्रतिशत तक या पचास लाख की सब्सिडी दी जाएगी। टैक्सी चालकों को ई-टैक्सी से बदलने के लिए पचास फ़ीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। 1500 डीज़ल बसों को इलेक्ट्रिक बसों से बदला जाएगा। नेशनल हाईवे को ग्रीन कॉरिडोर के तौर पर विकसित किया जाएगा। बजट पेश हुए छह महीनें का समय हो गया है। अगले बजट में छह महीनें का समय बाक़ी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ को जवाब देना चाहिए कि इन छह महीनों में कितनी छात्राओं को स्कूटी के लिए सब्सिडी मिली है और कितने बस, ट्रक, और निजी टैक्सी ऑपरेटर सरकार की इस सुविधा का लाभ उठा पाए हैं।