शिमला। हिमाचल प्रदेश में नया वेतनमान लागू होने के बाद ही महीने सरकार को वेतन व पेंशन पर 350 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। यह एक बड़ा बोझ सरकार पर पड़ेगा, जो उसकी वित्तीय तंगहाली में बेहद चुनौतीपूर्ण रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक़ वित्त विभाग ने इसका आकलन कर लिया है और सरकार को इससे वाकिफ भी करवा दिया गया है, मगर अभी वित्त विभाग की बनाई गई विशेषज्ञों की कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद असल पत्ते खुलेंगे।
वहीं, वित्तीय जानकारों की मानें तो हिमाचल सरकार को मासिक 350 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च पड़ेगा। वर्तमान में सैलरी व पेंशन पर सरकार 12 हजार करोड़ रुपए सालाना के करीब खर्च कर रही है, जो और ज्यादा बढ़ जाएगा।
वेतन पर सालाना 9000 करोड़ रुपए की राशि खर्च होती है, वहीं पेंशन पर साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए सालाना की राशि खर्च की जाती है। प्रदेश में एक लाख 90 हजार नियमित कर्मचारी हैं, जबकि एक लाख 50 हजार के करीब पेंशनर हैं, जो आंकड़ा वित्त विभाग के पास हैं।
सरकार को अपने कर्मचारियों व पेंशनर्ज को एरियर भी देना है, जो कि 1-1-2016 से देय है। इस एरियर की राशि करीब 12 हजार करोड़ रुपए तक बन रही है, जिसका वास्तविक आंकड़ा विशेषज्ञों की कमेटी देगी, मगर वित्त विभाग ने पहले ही इस तरह का आकलन कर लिया है।
यह 12 हजार करोड़ रुपए की राशि कर्मचारियों व पेंशनर्ज को एक साथ दी जाएगी या फिर किश्तों में इसे लेकर अभी पसोपेश है। यह भी बताया जाएगा कि अतिरिक्त रूप से होने वाले खर्च का बोझ सरकार किस तरह से वहन कर सकती है। सभी तरह की बातों सभी सवालों का जवाब इस रिपोर्ट में होगा जिसका बेसब्री के साथ प्रदेश के लाखों कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने अपने बजट में कर्मचारियों को नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान कर रखा है। अब इंतजार यही है कि कब इसकी घोषणा होती है। एक कर्मचारी या अधिकारी के वेतन में एक हजार से लेकर अढ़ाई हजार रुपए तक का मासिक इजाफा होगा।
वहीं, पेंशन में भी 2000 रुपए मासिक तक का इजाफा होगा। इसके अलावा जो दूसरे भत्ते रहते हैं, उनमें भी कुछ न कुछ बढ़ोतरी होगी। इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार हो रहा है, जो जल्दी सरकार को सौंप दिया जाएगा।