हिमाचल प्रदेश में अब राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति नई सरकार में ही होगी। इसके लिए पहेलियां बुझाई जा रही हैं कि अगर भाजपा सरकार रिपीट करती है तो यह कुर्सी किसके पास होगी और कांग्रेस सत्ता में आएगी तो इस पद पर किसे आसीन किया जा सकता है। इस पद के लिए मुख्य सचिव आरडी धीमान समेत कई नेता दौड़ में हैं। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का यह पद पिछले कई महीनों से खाली चल रहा है। अब सरकार बनने के बाद ही यह तय होगा कि राज्य सूचना आयोग की अगली कमान किसे दी जानी है।
राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के इस पद के लिए तत्कालीन मुख्य सचिव रामसुभग सिंह और वर्तमान मुख्य सचिव एवं तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा आरडी धीमान ने भी आवेदन किए थे। मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव आरएन बत्ता समेत कई अन्य आईएएस, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और अन्य तमाम वर्गों के प्रतिनिधियों ने भी इसके लिए आवेदन किए हैं। राज्य में मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को हटाने की शुरुआत भी इसी पद पर संभावित नियुक्ति से शुरू हुई थी।
चुनाव से पहले राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त दोनों के ही पद रिक्त चल रहे थे। राज्य सूचना आयुक्त का पद तो लंबे अरसे से रिक्त था, जबकि राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का पद कुछ वक्त पहले नरेंद्र चौहान की सेवानिवृत्ति के बाद खाली हुआ है। राज्य सूचना आयुक्त का पद पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस गुलेरिया की नियुक्ति करके भर दिया गया है।
मगर राज्य मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति फिलहाल अटकी हुई है। सूत्रों के अनुसार अगली सरकार बनने की संभावना में कई अधिकारी राजनेताओं से अभी से संपर्क में हैं। कोई ओक ओवर और दिल्ली तक अपने संपर्क भिड़ा रहा है तो कोई अभी से कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं से नजदीकियां बना रहे हैं।