हरिपुर कॉलेज, मनाली के छात्रों ने 30 कॉलेजों के नाटकों में हासिल किया पहला पुरस्कार।
कहानी “कीलें’ पर आधारित नाटक ने हिमाचल
विश्वविद्यालय यूथ फेस्टिवल में 30 कॉलेजों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है I हरिपुर कॉलेज मनाली के बच्चों ने हरीश ठाकुर के निर्देशन में इस कहानी का मंचन किया था। कहानी का रूपांतरण रंगकर्मी हितेश भार्गव ने किया है।
कीलें हिमाचल के सुप्रसिद्ध लेखक एस. आर. हरनोट की कहानी पर आधारित नाटक है, जो हिमाचली परिवेश में रचा-बुना गया है. यह नाटक सांकेतिक रूप से समाज में घट रही समसामयिक घटनाओं के प्रति बहुत कुछ कह जाता है और बहुत ही सरलता और सहजता से दर्शकों के सामने भावुकता का समंदर उड़ेल कर रख देता है. नाटक इंसानी प्रवृतियों पर कुठाराघात करता है. क्योंकि हिमाचल अपनी देव संस्कृति और परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध है इसलिए देवी देवता हमारे पहाड़ी समाज और संस्कृति के अहम् हिस्सा हैं. हमारे विश्वास और आस्था के मुख्य केंद्र हमारे देवी देवता हैं. इन्हीं हजारों देवी देवताओं में से कुछ देवता ऐसे भी हैं। जिनका कोई नाम लेना तक पसंद नहीं करता, न कोई उनके बारे में बात करता है और न ही कुछ बताता है. लोग अपनी स्वार्थ सिद्धियों के लिए इन देवताओं का गलत्त उपयोग करने से भी नहीं हिचकिचाते. एक भोले व्यथित मन की व्यथा किस तरह एक नृशंस देवता को नाटक के अंत में एक नायक देवता बना देती है और नाटक एक प्रदेश या देश का न रह कर वैश्विक हो जाता है। इसी घटनाक्रम पर आधारित है नाटक ‘कीलें’.
कीलें एस आर हरनोट की बहुचर्चित कथा पुस्तक है जिसका टाइटल इसी कहानी पर आधारित हैं। इसे वाणी प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। इस कहानी पर आर्यन हरनोट, जो फिल्म इंडस्ट्री मुंबई में अभिनेता हैं, ने “कील” नाम से लघु फिल्म भी बनाई है जिसे कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।