क्रिप्टो करेंसी फर्जीवाड़े मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है। जांच की आंच हिमाचल पुलिस तक भी आ रही है। सूत्रों के अनुसार हिमाचल में करोड़ों की क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले के तार प्रदेश पुलिस से भी जुड़ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस के लोग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। कुछ पुलिस कर्मियों ने तो VRS (समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेकर ठगी की है। इनमें एक रिटायर हेड-कॉन्स्टेबल सुनील कुमार को पिछले कल मोहाली पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड में गिरफ्तार किया है।
सुनील के अलावा अश्विनी कुमार व्यक्ति को भी पंजाब पुलिस ने इसी मामले में धर-दबोचा है। दोनों आरोपी हिमाचल के हमीरपुर के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इन दोनों ने हिमाचल और पंजाब में लोगों को दोगुना वापसी का झांसा देकर क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराया। प्रदेश पुलिस भी इनकी तलाश कर रही थी। इससे पहले ही पंजाब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है।
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में पुलिस का कनेक्शन मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय कुंडू से इस बारे में बात की है। बताया जा रहा कि मुख्यमंत्री ने इस फ्रॉड में शामिल पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट मांगी है। लेकिन इस मामले में डीजीपी से लेकर एसआईटी प्रमुख तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
इस मामले की जांच को गठित SIT ने अब तक दो मास्टरमाइंड सुखदेव और हेमराज ठाकुर को गुजरात से गिरफ्तार किया है। इन्हें कोर्ट ने 21 अक्टूबर तक की न्यायिक हिरासत में भेज रखा है, जबकि मुख्य सरगना मंडी का सुभाष देश छोड़कर फरार हो चुका है। हालांकि वह में महीने में ही विदेश भाग गया था। पुलिस की SIT उसे भारत वापस लाने के प्रयास में जुट गई है।