देशभर से जुटेंगे एशिया की एकमात्र और विश्व की सबसे ऊंची स्नो मैराथन में, 25 नेवी जवानों की पुष्टि
आयोजक – रीच इंडिया, हिमाचल टूरिज्म और जिला प्रशासन का लक्ष्य, स्नो मैराथन के माध्यम से मिले लाहौल को मिले विश्व के एडवेंचर मानचित्र पर जगह
शिमला, स्नो मैराथन के पहले और दूसरे संस्करण की अपार सफलता के बाद इस वर्ष का तीसरा स्नो मैराथन लाहौल और स्पीति जिले के सिस्सू में मार्च दस को आयोजित किया जायेगा। इस विश्व प्रतिष्ठित स्नो मैराथन का आयोजन रीच इंडिया, हिमाचल टूरिज्म और जिला प्रशासन के साझे सहयोग से किया जा रहा है। बुधवार को दी रिज स्थित होटल आशियाना में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये पर्यटन विभाग के प्रतिनिधियों के साथ मुख्य आयोजक राजीव कुमार ने बताया कि आयोजन की लगभग सभी तैयारियां योजनाबद्ध तरीके से पूरी कर ली गई है। उन्होंनें बताया कि स्नो मैराथन लाहौल को एशिया की एकमात्र जबकि विश्व की सबसे ऊंची स्नो मैराथन का गौरव प्राप्त है। मैराथन मनाली के निकट लगभग दस हजार फीट की उचाई पर स्थित अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल छोर पर हर वर्ष की भांति सिस्सू में आयोजित की जा रही है जिसमें देश के कोने कोने एथलीट और मैराथनर्स जुटेंगें। यह मैराथन चार कैटेगरियां में आयोजित की जा रही है जिसमें 42 किलोमीटर की फुल मैराथन, 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन, दस किलोमीटर और पांच किलोमीटर में आयोजित की जा रही है। स्थानीय लोगों में स्नो मैराथन के प्रति रुचि बढ़ाने के लिये फन रन का भी आयोजित किया जा रहा है। राजीव ने बताया कि एथलीट्स के अलावा सैन्य कर्मियों विशेषकर नेवी और आर्मी के जवान हर साल की तरह इस वर्ष भी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। अभी तक नेवी के 25 जवानों ने इस आयोजन में भाग लेने की पुष्टि कर दी है।
आयोजन टीम का हिस्सा पर प्र्यायवरणविद् गौरव शिमर ने बताया कि प्रशासन और पर्यटन विभाग के साथ साथ इस आयोजन को भारत सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट से भी मान्यता प्राप्त है। उन्होंने बताया कि इतने उंचे और ठंडे क्रीड़़ास्थल पर भाग ले रहे एथलीट्स की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये मोहाली लिये आयोजन के दौरान मोहाली स्थित फोर्टिस हस्पताल की डाक्टरी टीम आयोजन की अवधि में मुस्तैद रहेगी। मैराथन में दो एड़वांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलैंस और पैरामेडिक्स व डाक्टरों की टीम हर चिकित्सा सहायता संभव करवायेगी।
इस अवसर पर मौजूद मैराथन के इवेंट एग्जीक्यूशन प्रमुख राजेश चंद ने बताया कि उनकी टीम इस आयोजन को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पिछले मानसून में हुई तबाही के चलते उन्हें व्यापक चुनौतियों को सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ में बह गये पुल की जगह वैकल्पिक मैराथन रुट तैयार कर चुकी है।
लाहौल और स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने अपने संदेश में बल दिया कि लाहौल की खूबसूरती देश भर के एथलीटों के स्वागत के लिये तैयार है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लाहौल की मेजबानी यह प्रतिभागी को पूरी उम्र याद रहेगी।
लाहौल और स्पिति के उपायुक्त राहुल कुमार (आईएएस) ने बताया कि पहले संस्करण से ही इस आयोजन को जिला प्रशासन का भरपूर समर्थन मिलता रहा है और इस वर्ष भी वे अपने सहयोग में कोई कसर नहीं छोड़ेंगें जिससे की यह मैराथन एडवेंचर स्पोर्ट्स के विश्व मानचित्र पर अंकित हो सके ।
इस दौरान मौजूद फोर्टिस हस्पताल के कार्डियोलोजी विभाग के वरिष्ठ सलाहाकार अरुण कौछड़ ने बताया कि उन्हें ऐसे दुर्लभ आयोजन के साथ जुड़कर अत्यंत उत्सुकता हो रही है जो कि अपने आपमें कीर्तिमान स्थापित कर चुका है हिमाचल प्रदेश को विश्व मानचित्र पर ला चुका है। उन्होंने हिदायत दी कि एथलीट मैराथन एडवाइजरी के अनुसार हिदायत बरतें। हाई ऐल्टीच्यूट सिकनेस पर बोलते हुये डा रितेश खोकर ने कहा कि एथलीट इस परिस्थिति से निपटने के लिये प्रोटेक्टिव गियर पहले जिससे की अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
इस आयोजन को न्यूट्रिशन पार्टनर के रुप में फास्ट एंड अप, एनर्जी पार्टनर के रूप में बोन, अवार्ड्स पार्टनर के रुप में यंगगियर एंड गोक्यो का समर्थन प्राप्त है।