’21 अप्रैल को गांवों और जिला मुख्यालयों पर होगा विरोध-प्रदर्शन, पुतला दहन किये जाएगे’ -डॉ0 तंवर
हिमाचल किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ0 कुलदीप तंवर ने जारी बयान में कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हुक्म के आगे घुटने टेक दिए हैं और कृषि उत्पादों सहित अमेरिकी उत्पादों के लिए टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौता के तहत चर्चा पशुपालक किसानों के लिए मौत की घंटी होगी क्योंकि टैरिफ और बाजार प्रतिबंध हटाए जाने पर भारत को अमेरिकी डेयरी निर्यात में भारी उछाल आएगा। अमरीकी गेहूं संघ का दावा है कि भारत में घरेलू समर्थन का उच्च स्तर है ।
डॉ0 तंवर ने कहा कि 2017-18 में 3.7 करोड़ गांठ (प्रत्येक170 किलोग्राम) से 2022-23 में 3.47 करोड़ गांठ तक वार्षिक कपास उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है और 2023-24 में इसके 3.16 करोड़ गांठ तक गिरावट का अनुमान है, टैरिफ वापस लेने के लिए बातचीत का बढ़ना बेहद असंवेदनशील है।
डॉ0 तंवर ने कहा कि 2030 तक मिशन 500 के तहत, कुल व्यापार को दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। चल रही व्यापार वार्ता एक जानबूझकर की गई चाल है ताकि अमेरिका से सस्ता कपास, सोयाबीन, मक्का, सेब आदि भारत में डंप किया जा सके,। जबकि चीन, कनाडा, मैक्सिको आदि देशों ने ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ तीखा प्रतिरोध किया और अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए एकजुट हुए है,। अमेरिका को लगभग 18 प्रतिशत निर्यात करने वाला भारत अमेरिका दबाव की राजनीति के खिलाफ खड़ा होने से इनकार कर रहा है।
अखिल भारतीय किसान सभा और ’हिमाचल किसान सभा’ अपनी सभी इकाइयों से भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के अमेरिकी साम्राज्यवाद के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण के खिलाफ व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का आह्वान करती है।