कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू में कुछ आवश्यक सेवाओं के लिए आंशिक राहत देने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए जिलाधीश डाॅ. ऋचा वर्मा ने बताया कि लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू के दौरान सभी अस्पताल, क्लीनिक, पशु चिकित्सा संस्थान, दवा की दुकानें, लैबोटरीज, चश्मों की दुकानें, दवा व साबुन बनाने वाली इकाईयां, पैट्रोल पंप और गैस एजेंसियां रोजाना खुली रहेंगी। दूध, फल-सब्जी, मीट-मछली, राशन की दुकानें व डिपो और डाकघर रोजाना कर्फ्यू में ढील के दौरान सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक ही खोले जा सकते हैं।
स्टेशनरी की दुकानें सप्ताह में दो दिन सोमवार और वीरवार को सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक खुलेंगी। डाॅ. ऋचा वर्मा ने बताया कि कारपेंटर, प्लंबर, इलैक्ट्रिशियन और मोटर रिपेयर के कार्य संबंधित एसडीएम की अनुमति से किए जा सकते हैं, लेकिन इन कार्यों के दौरान लोगों के बीच आपस में पर्याप्त दूरी रखनी होगी। जिलाधीश ने बताया कि कृषि-बागवानी से संबंधित मशीनों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होगी। फसलों की खरीद से संबंधित सभी एजेंसियां और सब्जी मंडियों के कार्यों पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी। मत्स्य पालन और पशु पालन से संबंधित कार्य और पशु-चारे एवं फीड की बिक्री एसडीएम की अनुमति से की जा सकेगी।
नेशनल हाईवे पर ट्रक और टायर मरम्मत की दुकानें रोजाना सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खुलेंगी। अन्य छोटे वाहनों और मोटर मैकेनिक वर्कशाॅप्स को सोमवार, मंगलवार और बुधवार को कर्फ्यू में ढील के दौरान सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। जिलाधीश ने बताया कि कृषि-बागवानी से संबंधित उपकरणों की वर्कशाॅप्स भी हफ्ते में तीन दिन वीरवार, शुक्रवार और शनिवार को कर्फ्यू में ढील के दौरान सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक खुली रहेंगी। मोबाइल रिपेयर की दुकानें और सरकार से मान्यता प्राप्त काॅमन सर्विस सेंटर यानि लोक मित्र केंद्र मंगलवार और शनिवार को कर्फ्यू में ढील के दौरान सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक खोले जाएंगे।
गृह मंत्रालय और प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार नेशनल हाईवे पर ढाबे एसडीएम की अनुमति से खोले जाएंगे। ई-काॅमर्स कंपनियों के माध्यम से दवाईयों व अन्य आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी केवल कर्फ्यू में ढील के दौरान ही की जा सकेंगी। सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के कार्यालय, बैंक, बीमा कंपनी, नाॅन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, एटीएम, सहकारी ऋण सभाओं, डीटीएच, केबल, डाक एवं कूरियर सेवाएं भी चालू होंगी। लेकिन, इन सभी कार्यालयों के प्रमुखों को कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या तथा कार्यालयों में सेनिटाइजेशन व अन्य आवश्यक सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित करने होंगे। जिला में मनरेगा के कार्य भी आरंभ किए जाएंगे।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में पैरा 15 एवं 16 में दर्शाए गए औद्योगिक कार्य, खनन, निर्माण कार्य, विनिर्माण इकाईयों तथा इनसे संबंधित उत्पादों एवं पैकिंग सामग्री की ढुलाई के कार्य जिलाधीश की अनुमति से आरंभ किए जा सकते हैं। लेकिन, ये कार्य स्थानीय स्तर पर उपलब्ध श्रमिकों के साथ ही करने होंगे। सभी इकाईयों को सभी सुरक्षा मानकों का पालन करना होगा। सड़क, पेयजल, सिंचाई, विद्युत लाईन और अन्य निर्माण कार्य भी जिलाधीश की अनुमति से स्थानीय स्तर पर उपलब्ध श्रमिकों के साथ किए जा सकेंगे। श्रम विभाग के अधिकारी-कर्मचारी निर्माण स्थलों पर श्रमिकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रबंधों का निरीक्षण करेंगे।