शिमला: बुशहर राजवंश के 123वें राजा के रूप में गद्दी पर बैठे विक्रमादित्य सिंह को ‘राजा’ के संबोधन से आपत्ति है। उन्होंने अपील किया है कि मेरे नाम के आगे राजा नहीं लगाएं। बल्कि मेरे नाम से ही संबोधित करें।
खिताब दूरियां बना देती हैं:
विक्रमादित्य सिंह के फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह अपील की है। उन्होंने लिखा कि ‘मेरा सभी से विनम्र निवेदन, मुझे केवल हमारे नाम विक्रमादित्य सिंह से ही संबोधित करें। मैं आप सब के साथ जुड़ा रहना चाहता हूं, और यह खिताब कहीं न कहीं दूरियां बना देती हैं।
बता दें कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद अंतिम संस्कार से पूर्व ही राज परिवार के परंपरा अनुसार उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह का राज्याभिषेक किया गया।
राज परिवार में यह परंपरा है कि राजा की गद्दी कभी खाली नहीं रह सकती है। इसलिए अंतिम संस्कार से पूर्व ही राज्याभिषेक किया गया।