सोलन
डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत तीन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जिसमें 90 किसानों विशेषकर महिलाओं ने भाग लिया।
खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष और इस प्रशिक्षण के समन्वयक डॉ राकेश शर्मा ने बताया की विभाग के वैज्ञानिकों ने नौणी मझगाँव और शमरोड़, शामती और दिलमन पंचायतों के किसानों के लिए एक-एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए। इन प्रशिक्षण शिविरों का विषय ‘मशरूम प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन, किसानों की आय वृद्धि एवं स्वरोजगार’ रहा।
डॉ राकेश शर्मा ने बताया की पोस्ट हार्वेस्ट इंजीनियरिंग अँड टेक्नोलॉजी पर आधारित अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, जो पिछले काफी वर्षो से विभाग में चल रही है, के तहत यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए। डॉ शर्मा ने बताया कि भारत सरकार के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के अंतर्गत मशरूम को सोलन जिला के लिए चुना गया है। उन्होंने बताया कि सोलन को मशरूम के लिए जाना जाता है। मशरूम प्रोटीन, कैल्सियम और विटामिन डी से भरपूर होती है परंतु इसे ज्यादा दिन तक भंडारण में नहीं रखा जा सकता। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के माध्यम से मशरूम के मूल्य वर्धित उत्पाद बनाकर अपनी आय के साधन बढ़ाने पर प्रशिक्षित किया गया।
इस शिविरों में डॉ राकेश शर्मा द्वारा प्रशिक्षण एवं मूल्यवर्धन द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने पर बल दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान विभाग के वैज्ञानिक-डॉ मनीषा कौशल, डॉ अनिल वर्मा, डॉ अभिमन्यु ठाकुर, डॉ सतीश शर्मा, डॉ अंशु शर्मा, इंजीनियर अतुल धीमान और अनिल गुप्ता ने किसानों को मशरूम से विभिन्न उत्पाद तैयार करने की जानकारी के साथ व्याहारिक रूप से मशरूम से आचार, मशरूम पाउडर, पाउडर से पापड़, बड़ी, बिस्कुट, इत्यादि तैयार करने की विधि पर प्रशिक्षण दिया।