शिटाके मशरूम प्रशिक्षण केन्द्र पालमपुर में 19 किसानों ने लिया भाग
धर्मशाला, 8 अगस्त: जाइका (जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी) द्वारा समर्थित, हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण-दो) के तहत पालमपुर में स्थापित शिटाके मशरूम प्रशिक्षण केन्द्र में शिटाके मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला परियोजना प्रबंधक कांगड़ा डाॅ. योगेंद्र कौशल ने किसानों को शिटाके की व्यावसायिक खेती कर अपना जीवनयापन का स्तर में सुधार लाने का आहवाहन किया। उन्होंने कहा कि शिटाके मशरूम खाद्य और औषधीय गुणों से युक्त एक मशरूम है इसकी खेती से किसान अपनी आमदनी को बढ़ा सकते है।
प्रशिक्षण शिविर में सपन ठाकुर, शिटाके डिसेमिनेटर व अंबिका देवी, विषयवाद विशेषज्ञ ने किसानों को शिटाके मशरूम की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी और मुख्यतः किसानों ने अपने आप ही पहले दिन से लेकर आखिरी दिन तक शिटाके उत्पादन किया। किसानों को शिटाके उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण मानकों के बारे में विस्तृत रूप से समझाया गया ताकि वे शिटाके उत्पादन में परिपक्व हो सकें।
01 से 06 अगस्त, 2025 तक इस प्रशिक्षण शिविर में खण्ड परियोजना प्रबंधक इकाई देहरा के नागनी कुहल कल्सटर के 19 किसानों ने भाग लिया। जिसमें की प्रवाह सिंचाई योजना वीरता पारुल कुहल के 02 किसान, प्रवाह सिंचाई योजना नागनी कुहल के 07 किसान, प्रवाह सिंचाई योजना दवाड़ कुहल के 04, प्रवाह सिंचाई योजना लोहारु-2 के 01, प्रवाह सिंचाई योजना मालती के 02 और प्रवाह सिंचाई योजना पारुल कुहल के 03 किसानों ने भाग लिया।
इसके उपरान्त 07 से 08 अगस्त 2025, को शिटाके मशरूम की कटाई के बाद प्रबंधन की जानकारी दी गई। यह प्रशिक्षण उन्हीं किसानों को दिया गया जिन्होंने पहले शिटाके मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण लिया हुआ था। इस प्रशिक्षण शिविर में किसानों को तुड़ाई उपरांत शिटाके मशरूम के प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। किसानों को मशरूम कटाई, ग्रेडिंग, छंटाई व सुखाने के साथ-साथ इसके भंडारण, पैंकिग व मार्केटिंग के बारे मे बताया गया ।









