हिमाचल के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने दम दिखाया और सफल इन्वेस्टर मीट का आयोजन करवाया। इन्वेस्टर मीट से प्रदेश को काफी बड़े बड़े प्रोजेक्ट मिले लेकिन बीच मे कोरोना के आने से सब थम गया । परन्तु इस दौरान भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश के विकास की गति को धीमा नही होने दिया।
दुबई की दो कंपनियां ग्लोबल ड्रीम और क्रैंग्स मिलकर हिमाचल में इलेक्ट्रिक बसों की असेंबलिंग की यूनिट लगाएगी। धर्मशाला में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में दोनों कंपनियों ने सरकार के साथ एमओयू साइन किया था। प्लांट तीन हजार करोड़ से स्थापित होगा और इसमें प्रदेश के करीब 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे हिमाचल हर साल करोड़ों रुपये का कार्बन क्रेडिट भी हासिल कर पाएगा। कंपनियां एचआरटीसी के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों को भी इलेक्ट्रिक बसें सप्लाई करेंगी।
यूनिट स्थापित करने के लिए नालागढ़ या कालाअंब में करीब 200 एकड़ जमीन तलाश की जा रही है। सरकार ने कंपनी के प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया है कि कंपनियों को उत्पादन शुरू करने के लिए विभिन्न विभागों से तत्काल अनापत्ति प्रमाण पत्र मिल जाएंगे। प्रोजेक्ट को सिंगल विंडो के तहत स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। कंपनी प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मुलाकात की है और उनको यह प्रोजेक्ट अतिशीघ्र आरंभ करने का विश्वास दिलाया है।
ग्लोबल ड्रीम्स कंपनी के चेयरमैनआर के मुंजाल ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति हिमाचल पथ परिवहन निगम और देश के अन्य राज्यों को भी की जाएगी। अभी तक कंपनी की देश के किसी भी क्षेत्र में यूनिट नहीं है। हिमाचल पहला राज्य होगा, जहां यह यूनिट लगेगी