सौरभ कुमार
जिला ऊना में यूएसए की तर्ज पर प्रदेश का पहला कूड़े-कचरे से बिजली, पानी और ईंधन बनाने की योजना के जल्द शुरू होने की आस जग गई है। कचरे का दोहन कर बिजली, पानी और ईंधन बनाने का काम जर्मनी की कंपनी द्वारा किया जाएगा। हालांकि दो साल पहले इसको लेकर एक निजी कंपनी और ऊना नगर परिषद के बीच एमओयू साइन हुआ था।
उस समय कंपनी को भूमि देने के लिए काफी जद्दोजहद भी हुई और प्रशासन द्वारा भूमि का चयन भी किया गया, लेकिन लोगों के भारी विरोध के बाद वहां यह प्रोजेक्ट नहीं लग पाया था। बुधवार को निजी कंपनी और डीसी ऊना के बीच इसी योजना को लेकर एक बार फिर बैठक हुई है। जिसके बाद एक बार फिर से इस योजना के जल्द शुरू होने की आस जग गई है।
बता दें कि ऊनावासियों को कूड़े-कचरे की समस्या से निजात दिलाने के लिए दो साल पहले ऊना नगर परिषद सहित तीन नगर निकायों और 26 ग्राम पंचायतों का एक निजी कंपनी के साथ एमओयू साइन हुआ था, लेकिन कंपनी को प्रोजेक्ट लगाने के भूमि ना मिल पाने के चलते यह योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई थी।
दरअसल कचरे का दोहन कर बिजली, पानी और ईंधन बनाने का काम जर्मनी की AG डॉटर्स कंपनी द्वारा किया जाएगा। कंपनी विदेशी निवेश के जरिये ऊना में करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट स्थापित करना चाहती है।