डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में पिछले कुछ सप्ताह से पौधरोपन अभियान चलाया गया है। शनिवार को विश्वविद्यालय के मॉडल फार्म में वन महोत्सव कार्यक्रम मनाया गया जिसमें विश्वविद्यालय के स्टाफ और छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जिससे परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मधुमक्कियों और अन्य मित्र कीटों को वर्ष भर भोजन उपलब्ध होगा।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि वृक्षारोपण प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा वन महोत्सव को पिछले एक माह से मनाया जा रहा है और कैम्पस में सभी विभागों, एनसीसी कड़ेट्स और लाइफ मिशन के तहत अलग अलग दिन पर पौधरोपण किया गया है और 12-13 हैकटैर भूमि पर 4000 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। उन्होनें सभी से वन महोत्सव को अपने जीवन का अंग बनाने का आग्रह किया और सभी से विशेषकर छात्रों से इस तरह के सामाजिक कार्यों का निरंतर हिस्सा बनने का आग्रह किया। प्रोफेसर चंदेल ने कहा की वृक्षारोपण हमारे प्रकृति के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि बहुत सी जरूरी विकास गतिविधियों के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है। उन्होनें छात्रों से प्रकृति के संरक्षण के लिए छोटे छोटे प्रयास करने का आवाहन किया। उन्होनें कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे के कारण वन महोत्सव जैसी गतिविधियों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। उन्होंने छात्रों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वह अपने द्वारा लगाए गए हर पौधे को अपनाएं और देखभाल करें।
इससे पहले निदेशक अनुसंधान ने सभी से ‘एक पेड़ देश के नाम’ के नारे को अपनाने को कहा और वृक्षारोपण के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष फ़ायदों के बारे में बताया। उन्होनें नियोजित वृक्षारोपण से जलवायु परिवर्तन को कम करने और कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान के बारे में बात की। सिल्वीकल्चर एंड एग्रोफोरेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. डी आर भारद्वाज ने वन महोत्सव और इस पहल के तहत विवि द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। डॉ अनिल सूद द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस वर्ष विश्वविद्यालय में परमार जयंती तक वन महोत्सव मनाया जाएगा और मुख्य परिसर में 4000 पौधे लगाए जाएगें। इस अभियान में पीला गुलमोहर, शीशम, खैर, पाजा, तुनी, जकरंडा आदि के पौधे लगाए गए। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय स्टेशनों और कृषि विज्ञान केंद्रों ने भी अपने-अपने स्टेशनों पर वन महोत्सव का आयोजन किया। वृक्षारोपण अभियान में सभी वैधानिक अधिकारियों, यूको बैंक, एसबीआई और जोगिंद्रा सहकारी बैंक की स्थानीय शाखाओं के प्रतिनिधियों, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों सहित छात्रों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने भाग लिया।