शिमला
हिमाचल प्रदेश में यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है। जहाँ एक तरफ डॉक्टरों की लापरवाही की वहज से एक आम इंसान अपनी माता को खो देता है और उसकी माता के शव के लिए IGMC प्रशासन उसी को टार्चर कर रही है ।
यह पहली बार नहीं है की IGMC के डॉक्टरों पर लापरवाही करने के आरोप लगे पर अब यह 2 सालो से आम बात होगी है । कुछ वक्त से IGMC के इतने बुरे हाल होगए है की मरीजों को सिरिंज से लेकर महंगी दवाइयां दी जा रही है । पैसे देने के वाबजूद भी खाली ऑक्सीजन सिलिंडर मिल रहे है । जब कोई इसकी शिकायत CMO को करने जाता है या तो CMO साहब बैठे नहीं होते या मिलने से मना कर देते है ।
कहते है ना जब मुखिया ही ऐसा हो तो बाकी भी उनकी तरह होते है , यह सच है आजकल IGMC में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है । यहाँ मरीजों को महंगी दवाओं के साथ महंगे टेस्ट करवाने की सलाह दी जा रही है । कुछ डॉक्टरों को छोड़ कर बाकी सबने तो कमिशन खाना शुरू कर दिया है । आज भी एक ऐसा मामला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति ने अपनी माँ को खो दिया ऑक्सीजन सिलिंडर खाली मिलने के कारण। उनसे आरोप लगाया है की उसे पैसे देने के वाबजूद भी खली सिलिंडर मिला और इसी वजह से उसकी माँ की मृत्यु हो गई । उसने एक नर्स महिला पर भी बतमीजी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी अगर आप ने उस नर्स, डॉक्टर पर कारवाही नहीं करी तो वह आत्महत्या कर लेगा ।
यह केसा परिवर्तन है जहाँ ना आम जनता के आयुष्मान कार्ड एक्टिव हो रहे है , महंगी दवाइयां लिखी जा रही है , सीरिंज के डबल पैसे लिए जा रहे है , बाहर से टेस्ट करवाने को कहा जा रहा है । सुक्खू सरकार का यह परिवर्तन आम जनता पर कही ना कहीं भारी पड़ता जा रहा है ।









