कोबरा और करैट सांप के काटने के बाद इनका न्यूरोटॉक्सिक जहर इंसान के स्नायु तंत्र को निष्क्रिय करता है और मौत का कारण है l करैट ज्यादातर जमीन पर सो रहे लोगों को काटता है। ज्यादातर कोबरा और करैत के काटने से पीड़ितों में मस्कुलर कमजोरी , पैरालिसिस (अधरंग ) और सांस की तकलीफ होती है। यदि ध्यान से देखा जाए तो करैट के काटने पर दर्द नहीं होता है और आमतौर पर काटने का निशान आसानी से दिखाई नहीं देता है या सूजन के बिना बस एक छोटा सा छेद होता है l
जबकि कोबरा के काटने के निशान , दर्द के साथ लाल रंग की सूजन होता है और काटने के निशान से खून बहता रहता है l जब रात के समय घर के अंदर सांप के काटने की स्थिति होती है तो संभवतः यह करैट के काटने की घटना है। कोबरा तभी काटता है जब उसके विचरण के दौरान उसे परेशान किया जा रहा हो। हिमाचल में, अधिकांश सर्पदंश ग्रामीण इलाकों में खेत, गसियानी और घर के अंदर ya cowshed होते हैं, जहां 90 प्रतिशत लोग खेतों और जंगलों के करीब घरों वाले गांवों में रहते हैं। सर्दियों में साँप काटने के मामले नगण्य होते हैं l लेकिन जून और अक्टूबर के बीच यह संख्या बढ़ जाती है।
अगस्त सबसे विषैला महीना है, उसके बाद सितंबर और जुलाई आते हैं। सबसे ज्यादा मामले कांगड़ा जिले में पाए जाते हैं, उसके बाद मंडी, सोलन, हमीरपुर और शिमला में मिलते हैं। 54% पुरुष जबकि 46% महिलाएं सर्प दंश का शिकार बनते हैं। बहुत से लोग अभी भी चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं उठाते हैं और इसके बजाय उन्हें पहले ‘ओझा’ (पारंपरिक चिकित्सकों) के पास ले जाया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप समय चूक जाता हैऔर ये जानलेवा साबित होता है। ओझाओं पर विश्वास का कारण यह है कि केवल पांच प्रकार के सांपों की प्रजातियां जहरीली होती हैं और बाकी सभी विषैले नहीं होते हैं यानी 70% से अधिक सांप विषैले नहीं होते हैं। इसलिए कई लोग घबराहट में प्राथमिक उपचार तथा उपचार के गलत तरीके अपनाकर मामला बिगाड़ देते हैं। करैट लंबाई में एक मीटर तक होता हैं। आदतन रात्रिचर है , जमीन पर और पत्तों के कूड़े के बीच धीरे-धीरे चारा खोजते हैं। वयस्क करैट चूहों, सांपों और छिपकलियों को खाने और अक्सर बिल में अंडे देने के लिए जाने जाते हैं। करैट दीमक के टीले और पानी के करीब रहते हैं और बहुत अच्छे तैराक होते हैं। बैंडेड करैट शर्मीले होते हैं, जब उन्हें परेशान किया जाता है, तो वे आमतौर पर अपने सिर को अपनी कुंडलियों के नीचे छिपा लेते हैं, और आम तौर पर काटने का प्रयास नहीं करते हैं, हालांकि रात में वे अधिक सक्रिय होते हैं और व्यापक रूप से अधिक खतरनाक माने जाते हैं। बैंडेड क्रेट को उनकी गहरी नीली या धात्विक चमकदार त्वचा, गोल पूंछ और शरीर पर बारी-बारी से काले और पीले या हल्के रंग के बैंड द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। ये दिन के समय सुस्त रहते हैं और घास, गड्ढों या नालियों में छिपे रहते हैं। कोबरा सांप अपना फन फैलाता है और आमतौर पर उसके सिर पर निशान होता है।
प्राइमरी चिकित्सा के दौरान रोगी को आश्वस्त करें की लगभग 70% सर्पदंश जहरीली प्रजातियों के नहीं होते इसलिए घबराओ नहीं। जैसे टूटी हुई हड्डी को स्प्लिंट्स (लकड़ी या कोई कठोर लम्बी वस्तु ) के साथ स्थिर करते हैं वैसे ही सर्पदंश वाली बाज़ू या टांग को सपोर्ट और स्थिर करते हैं ताकि ज़हर ज़्यादा न फ़ैल जाये स्प्लिंट्स के साथ अंग की पकड़ बनाने के लिए पट्टियों या कपड़े का हलके से बांधने के लिए प्रयोग करें l लेकिन रक्त आपूर्ति को अवरुद्ध न करें या अंग पर ज़्यादा दबाव न डालें। रोगी को अपने सांस सुरक्षित रखने के लिए बाईं ओर करवट देकर झुका हुआ लेटाना चाहिए। जब तक पीड़ित को चिकित्सा स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं पहुंच जाता, तब तक मुंह से कुछ भी न डालें। सर्पदंश पीड़ित को यथासंभव शीघ्र नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा (पीएचसी या अस्पताल) में जाएं। पीड़ित को स्वास्थ्य सुविधा तक पहुंचने के लिए खुद दौड़ना या गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। सर्प दंश से सूजन, खून का बहना टोसिस (ऊपरी पलक का कमजोर पड़ना और पूरी तरह से आँख न जपक पाना) नज़र में फर्क पड़ना या नए लक्षणों की प्रगति जैसे किसी भी लक्षण के बारे में डॉक्टर को सूचित करें काटे गए अंग से जूते, अंगूठियां, घड़ियां, आभूषण और तंग कपड़े हटा दें क्योंकि वे अंग को और ज़्यादा दुष प्रभावित कर सकते हैंl छालों को अछूता छोड़ दें और सर्पदंश की जगह से ना खून को चूसे, न ही ब्लेड से कट लगाएं l घर पर सर्पदंश से बचने के लिए ज़मीन के ऊपर न सोने का सरल उपाय करें l आस पास घास फूस या पते आदि एकत्रित न करें साथ में चूहों के छिद्र और उनकी उपस्थिति को भी नियंत्रित करें l