हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुपरवाइजर कश्यप का इस्तीफा अगर स्वीकार हो जाता है, तो एक हफ्ते पहले चुनाव से पहले पार्टी किस पर अपना दांव खेलेगी। यह सबसे महत्वपूर्ण सवाल होगा कि बाजपा अब किसको अपना मुखिया चुनेगी।
सुरेश कश्यप को एक बार फिर अध्यक्ष का कार्यकाल मिलने की संभावना वैसे भी कम ही थी। विशेष रूप से उनके अपने खुद के 16 अक्टूबर के चुनाव के कारण, लेकिन अब उनका पद छोड़ने की इच्छा के बाद यह तय हो गया है कि हिमाचल भाजपा को नया मुखिया चाहिए ही होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कितना रोल नए अध्यक्ष के चयन में होगा, इन सब सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। पार्टी के जिन नामों की चर्चा है, उनमें नाहन से पूर्व मंत्री राजीव बिंदल, बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल, विधायक सांसद डा. एलेक्जेंडर कुमार, कांगड़ा निर्वाचित सीट से सुला से विधायक विपिन सिंह परमार, सांसद इंदु गोस्वामी और राजीव भारद्वाज शामिल हैं। इसके अलावा श्रीनायना देवी से विधायक रणधीर शर्मा के साथ पूर्व भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती का नाम भी लिया जा रहा है। छवि से क्योंकि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर खुद हैं, इसलिए प्रदेश ग्रेडर का पद शायद ही जारी करें। नए अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली से ही होगी। हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष का चयन 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी करेगी। हिमाचल के चारों तरफ पिछले चुनाव की तरह ज्यादा चुनौती भी होगी, क्योंकि राज्य में अब कांग्रेस की सरकार है।