शिमला/कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के लिए कल का दिन जल का दिन बन गया। बीते कल इंद्र देव ने सूबे के लोगों पर कुछ ऐसी कुदृष्टि डाली की काफी कुछ उजड़ गया, जो जाने दोबारा कभी वैसा बन भी पाएगा या नहीं। प्रदेश में भारी बारिश के चलते हुए भू-स्खलन और बाढ़ से चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक मुख्याध्यापक और एमबीबीएस की छात्रा समेत 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश से 184 सड़कें यातायात के लिए बाधित हैं। प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रदेश भर में 10 घर बह गए हैं। कई परिवारों के सिर से छत छिन गई है।
धर्मशाला से करीब 45 किलोमीटर दूर शाहपुर उपमंडल के धारकंडी के साथ बोह में बादल फटने से हुए भू-स्खलन की चपेट में करीब आधा दर्जन घर आ गए और 16 लोग दब गए। खबर लिखे जाने तक मलबे से एक शव निकाला जा चुका था, जबकि दो बह गए। पांच लोगों को बचा लिया गया है।
आठ लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही थी। मरने वालों में एक महिला शामिल है, जबकि बाप-बेटे बह गए हैं। मृतका की पहचान मस्तो देवी पत्नी भीमो राम रूप में हुई है, जबकि सुभाष खत्री और उसका बेटा शिव प्रसाद बह गए हैं।