हमीरपुर, 28 सितंबर: पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर प्रहार करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के तहत आईपीएच की एक स्कीम के क्रियान्वयन के लिए नदी क्षेत्र में आ रही अपने परिवार की थोड़ी सी जमीन के एवज में सरकारी खजाने से 18 लाख रुपए का मुआवजा लेने का कीर्तिमान तो बना दिया लेकिन क्या वह अन्य प्रभावित लोगों को भी इसी तर्ज पर सरकारी खजाने से मुआवजा राशि देने की उदारता दिखाएंगे या फिर ऐसी नीति उन्होंने सिर्फ अपने व परिवार के लिए ही बनाई है।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश में आईपीएच विभाग की सैकड़ो स्कीमें हैं जिनके क्रियान्वयन के लिए जनता ने अपनी भूमि जनहित को सामने रखकर सरकार को दी है तो क्या ऐसी दानवीर लोगों को भी सरकारी खजाने से जमीन के एवज में मुआवजा राशि दी जाएगी। वाटर टैंकों के निर्माण के लिए भी लोग अपनी भूमि दे देते हैं तो क्या उन्हें भी सरकार समुचित मुआवजा देगी।
राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता को झूठी गारंटीयों का लॉलीपॉप थमा कर ठगने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री को अब चुनावी राज्यों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अपने प्रचार के लिए बुलाने से इसलिए कतरा रहे हैं ताकि कहीं सुक्खू की झूठी गारंटीयों से इस चुनाव में उन्हें लेने के देने ना पड़ जाएं। राजेंद्र राणा ने कहा कि ऐसी चर्चाएं चल रही है कि कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने पार्टी आलाकमान को यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें अपने क्षेत्र में प्रचार के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री की सेवाएं नहीं चाहिए क्योंकि वह झूठी गारंटियाँ वाले मुख्यमंत्री को अपने हलके में बुलाकर जनता के बीच अपनी फजीहत नहीं करवाना चाहते। राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस द्वारा दी गई झूठी गारंटियां आज कांग्रेस पार्टी के लिए गले की फांस बन गई है क्योंकि यह गारंटीयां पूरी करने की बजाय हिमाचल के मुख्यमंत्री ने सरकारी खजाना अपने मित्रों पर ही लुटा दिया है। इसलिए लोगों का कांग्रेस पर से पूरी तरह भरोसा उठता जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की फजीहत करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है और कांग्रेस नेतृत्व के लिए मीडिया के सवालों का सामना करना मुश्किल होता जा रहा है। राजेंद्र राणा ने कहा कि अपनी फजीहत से बचने के लिए कांग्रेस हाईकमान चुनावी राज्यों में प्रचार से हिमाचल के मुख्यमंत्री को दूर रख रहा है और उन्हें सिर्फ अपने घर में बैठने की सलाह दे रहा है।