हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सत्र को लेकर चर्चा हो रही है। चर्चा के बाद कैबिनेट ने फैसला लिया है कि शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया जाएगा। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते कैबिनेट ने सत्र टालने का फैसला लिया है। हालांकि अभी कैबिनेट की बैठक जारी है। याद रहे की धर्मशाला का शीतकालीन सत्र 7 से 11 दिसंबर तक आयोजित किया जाना था।
बदा दें कि इससे पहले शीतकालीन सत्र को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में विपक्ष, माकपा और आजाद प्रतियाशी सत्र करवाने के पक्ष में थे। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा था कि सरकार सत्र को टालने की कोशिश न करे। सेशन होना चाहिए। क्योंकि जब शादियां और सरकारी जश्न हो रहे है तो सेशन करवाने में क्या समस्या है।
गैरतलब है कि हिमाचल में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सरकार ने किसी भी कार्यक्रम में 50 से अधिक लोगों के इक्टठे न होने के आदेश जारी किए हैं। ऐसे में यदि सत्र आयोजित किया जाता तो सत्र में 68 विधायकों सहित अन्य स्टाफ और कर्मचारी को मिलाकर आंकड़ा दो सौ पार हो जाता। ऐसे में यदि सरकार सत्र आयोजित करवा देती तो उसे अपने ही लिए फैसलों जवाब देना पड़ता।