2 अप्रैल 2025, नई दिल्ली/ हिमाचल प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लोकसभा में
“वक्फ संशोधन बिल 2024“ पर बोलते हुए कहा कि विपक्ष ने वोट बैंक के लिए संविधान से समझौता किया और भारत को वक़्फ़ के ख़ौफ़ से आज़ादी दिलाने का यह सही समय है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ मोदी सरकार हमेशा पिछड़े, महिलाओं, वंचितों, कमजोरों के साथ खड़ी है और खड़ी रहेगी। आज जो इस वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ खड़े हैं दरअसल ये चाहते ही नहीं कि देश में गरीब, वंचितों और मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार हो। वक्फ बोर्ड की धांधलियों को तो सच्चर कमेटी ने भी उजागर किया था। 2005 में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में बताया था कि वक्फ बोर्ड की आय सिर्फ 163 करोड़ रुपए है क्योंकि यहां धांधलियों का गोरखधंधा चल रहा है। सच्चर कमेटी ने रिपोर्ट में कहा था कि अगर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को ढंग से मैनेज किया जाए तो सालाना आय करीब 12 हजार करोड़ रुपए होगी”
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “जिस भी बड़े इस्लामिक देशों की इस देश में दुहाई दी जाती है उन इस्लामिक देशों में वक्फ की संपत्ति नहीं है लेकिन भारत में 1954 से अलग ही खेल चल रहा है । तुर्की, लीबिया, मिस्र, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और इराक जैसे इस्लामिक देशों में वक्फ नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन बिल समाज के शोषित और वंचित लोगों के लिए एक वरदान है। पिछले कई दशकों से कुछ राजनीतिक दलों ने अपने वोट बैंक के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया। धीरे-धीरे यह कानून भू-माफियाओं का हथियार बन गया, जिसने गरीबों की जमीनें हड़प लीं।इसका शिकार सिर्फ किसी एक धर्म या समुदाय के लोग नहीं हुए, बल्कि हर धर्म और समुदाय के गरीब इससे पीड़ित हैं। वक़्फ़ महिला और ग़रीब मुसलमान विरोधी है। समाज में यह गलतफहमी फैलाई जा रही है कि इस संशोधन के पास होने पर मुस्लिम समाज की सारी संपत्ति छीन ली जाएगी। जबकि वक़्फ़ आम आदमी के लिए अभिशाप है और भारत को वक़्फ़ के ख़ौफ़ से आज़ादी दिलाने का यह सही समय है”
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ कांग्रेस के कई नेताओं का नाम वक़्फ़ से जुड़े घोटालों में आया है। कर्नाटक के इनके कई नेताओं ने वक़्फ के नाम पर ख़ुद को फ़ायदा पहुँचाया जोकि सार्वजनिक है। विपक्ष ने सिर्फ़ वोट बैंक की राजनीति के लिए संविधान से समझौता किया। मोदी सरकार का यह वक़्फ़ संशोधन बिल अन्याय की जड़ पर प्रहार है। संशोधन के प्रावधानों से सरकार वक्फ की संपतियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराएगी। हैदराबाद की 75% वक्फ सम्पत्ति और मुंबई में 60% वक़्फ़ संपति पर अवैध कब्जा है। देश में ऐसे हालात बन गए थे कि वक्फ जिस पर हाथ रख दे, वही संपत्ति उनकी हो जाती थी। अब यह समय है कि आपको यह तय करना होगा कि आप वक्फ के साथ रहना चाहते हैं या बाबा साहब के संविधान के साथ। यह बिल यह साफ संदेश देता है कि इस देश में बाबासाहब का संविधान चलेगा, मुगलिया फरमान नहीं। यह बिल तुष्टिकरण की राजनीति का अंत करने वाला है”