शिमला 22 सितंबर। महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के उददेश्य से राज्य ग्रामीण विकास संस्थान क्रैगनैनो के सौजन्य से ढली पंचायत मुख्यालय पर चल रहे पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को संपन हो गया जिसमें मशोबरा ब्लाॅक की 28 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यक्रम का शीर्षक प्राकृतिक संसाधनों के सृजन से आजीविका उपार्जन करना है । खंड विकास अधिकारी मशोबरा अंकित कोटिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।
संस्थान के संकाय सदस्य डॉ० प्रवेश कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण न केवल स्थानीय लोगों को आजीविका प्रदान करेगा अपितु जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को भी कम करने में सहायक होगा। बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का आम जन मानस तक प्रचार एवं लाभ पहुँच पाए, इसके लिए प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण कड़ी है। कैसे प्रशिक्षण को जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन के साथ जोड़ा जाए, यह चुनौती हमेशा रहती है। ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका उपार्जन आज के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
डाॅ0 शर्मा ने बताया कि चील के जंगलों में आग के मामले सबसे ज्यादा सामने आते हैं, इन चील की पत्तियों से बने उत्पाद न केवल स्थानीय लोगों को उनके बेहतर जीवन के लिए आजीविका का माध्यम बनेंगे, अपितु जंगल में आग लगने की संभावनाओं को भी कम करेंगे। ढली पंचायत की प्रधान रमा देवी ने महिलाओं के महिलाओं को दिए जा रहे प्रशिक्षण बारे आभार व्यक्त किया और भविष्य में इस प्रकार के शिविर लगाने का आग्रह किया ।
इस कार्यक्रम से जुड़े रिसोर्स पर्सन इशु ठाकुर ने भविष्य में इन उत्पादों को बाजार से जोड़ने की बात कही, जिससे कि इन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्थान द्वारा पूर्व में प्रशिक्षित महिलाओं हेमावती एवं भीमा भारती को बतौर मास्टर ट्रेनर शामिल किया गया।