हिमाचल प्रदेश में जेठ (ज्येष्ठ) महीने में ही मानसून ने दस्तक दे दी है। इस बार राज्य में मानसून सामान्य अवधि से 13 दिन पहले ही पहुंच गया है। इससे पहले वर्ष 2008 में ऐसा हुआ था। मानसून के प्रभाव से 17 जून तक प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका है। इसे लेकर मैदानी व मध्य पर्वतीय इलाकों के तहत आने वाले 10 जिलों में ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया गया है।
लाहुल-स्पीती और किन्नौर को छोड़कर अन्य 10 जिलों में अगले 24 घंटों तक गरज के साथ भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। इस दौरान 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अंधड़ चलने का अंदेशा है। इन इलाकों में 15, 16 व 17 जून को यलो अलर्ट रहेगा। उन्होंने कहा कि मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन व पेड़ों के गिरने की घटनाएं सामने आ सकती हैं।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के तहत राज्य में एक से 13 जून के बीच औसतन 41।6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई है, जो सामान्य से 39 फीसदी अधिक है। उक्त अवधि के दौरान राज्य के सिर्फ कुल्लू, किन्नौर व लाहुल-स्पीति सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश रिकार्ड की गई है। सिरमौर में 93 फीसदी बारिश हुई है। सोलन में 92, ऊना में सबसे ज्यादा 153, मंडी में 65, कांगडा में 81, चंबा में 47, शिमला व हमीरपुर में 46 फीसदी बारिश दर्ज की गई है।