शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर स्थित ब्रिटिशकालीन वॉटर टैंक में पड़ी दरारों का कार्य फिलहाल कुछ दिनों के लिए रुक गया है. रिज टैंक की रिपेयर करने वाले कोरोना वायरस के चलते संक्रमित हो गए हैं, जिसके चलते वॉटर टैंक के भीतर भरी जा रही दरारों को भरने का कार्य रुक गया है. शिमला जल निगम के एक अधिकारी ने बताया कि ब्रिटिशकालीन वॉटर स्टोरेज टैंक की दरारों को भरने का कार्य कुछ दिनों पहले शुरु किया गया था, लेकिन काम करने वाले वर्कर कोरोना वायरस के चलते संक्रमित हुए है, जिससे टैंक की रिपेयर का कार्य बंद हुआ है।
उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को पहले एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव हुआ था, उसके एक सप्ताह बाद 6 और वर्कर संक्रिमत हुए हैं, जिसके चलते टैंक का रिपेयर कार्य बंद करना पड़ा. अब जैसे ही यह सभी स्वस्थ होकर आते हैं, वैसे ही रिपेयर कार्य शुरु किया जाएगा.
ब्रिटिशकालीन रिज वाटर स्टोरेज टैंक के भीतर दरारों को लेकर शिमला जल निगम ने एक बड़ा खुलासा किया है.जल निगम के मुताबिक दरारें पड़ने का मुख्य कारण रिज पर पड़ रहा बोझ बताया जा रहा है. हालांकि, दरारों को लेकर जल निगम एक रिपोर्ट तैयार करने जा रहा है. लेकिन सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में भार को मुख्य वजह बताया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सन 1924 में बने रिज वॉटर टैंक को अंग्रेजों ने 20 हजार आबादी वाले लोगों के लिए बनाया था, लेकिन आज जनसंख्या 2 लाख के पार हो गई है.