सिक्किम के स्थापना दिवस के अवसर पर आज राजभवन में सम्मान समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल में निवास कर रहे सिक्किम के लोगों को इस आयोजन के लिए विशेषतौर पर आमंत्रित किया।
इस अवसर पर सिक्किम के लोगों ने राज्यपाल के साथ वहां की सांस्कृतिक विरासत तथा उच्च मूल्यों पर चर्चा भी की। राज्यपाल ने मेहमानों को हिमाचली टोपी, शाल तथा पौधा प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विभिन्न संस्कृतियों तथा परम्पराओं का अद्भुत मेल सिक्किम के विलक्षण पहलुओं में से एक है। राज्य में विभिन्न समुदायों के लोग अलग-अलग सांस्कृतिक पहचान के बावजूद एक-दूसरे को सम्मान देते हुए शांति के साथ निवास करते हैं और एकता एवं आपसी सौहार्द की भावना को जीवंत बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि सिक्किम की प्रगति एवं विकास में वर्षों से लोगों की एकता मुख्य कारक रहा है। यही भाईचारा देश की समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की सीमा पर स्थित नाथुला देश के गौरव का प्रतीक है। यहां स्थित गोम्पा एवं मठ भारतीय संस्कृति के वाहक हैं। सिक्किम की सोलोफोक चोटी पर स्थित चारधाम भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों को एक जगह पर प्रदर्शित करता है और यह लोगों की आस्था एवं आकर्षण का मुख्य केन्द्र है। उन्होंने कहा कि जैविक खेती में सिक्किम एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है और देश को दिशा भी दिखाता है। सिक्किम पूर्ण रूप से जैविक खेती अपनाने वाला देश का पहला राज्य है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रतिवर्ष पूरे राज्य में यह दिवस उत्साह के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्येक राज्य की अपनी अलग भाषा एवं विविध संस्कृति है। इतनी विविधता के बावजूद देश एकता के सूत्र से बंधा हुआ है।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर सिक्किम से आए नागरिकों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और प्रदेश की समृद्ध संस्कृति से अवगत करवाया।