कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के चलते विभिन्न क्षेत्रों से पैदल आ रहे 44 व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में क्वारंटाईन होम में आगामी आदेशों तक रखा गया है । जिसकी पुष्टि एसडीएम राजगढ नरेश वर्मा ने की है । उन्होने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजगढ़ में क्वारंटाईन होम तैयार किया गया है जिसे नगर पंचायत द्वारा पूर्णरूप से सेनेटाईज किया गया है ताकि कोरोना वायरस के फैलने की कोई संभावना उत्पन्न न हो सके । उन्होने बताया कि क्वारंटाईन में रखे गए सभी लोगों की चिकित्सा अधिकारी द्वारा जांच की गई जिनमें सभी लोग स्वस्थ पाए गए । उन्होने बताया कि क्वारंटाईन होम में रह रहे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था संत निरंकारी मिशन राजगढ़ द्वारा की गई है जबकि क्वारंटाईन में रह रहे लोगों की प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच के लिए चिकित्सा अधिकारी राजगढ़ को तैनात किया गया है ।
उन्होने जानकारी दी कि 29 मार्च की शाम को प्रथम लॉट में शिमला से शिलाई पैदल जा रहे 16 मजदूरो को यशवंतनगर में पुलिस ने रोक दिया गया था जिन्हें सोमवार को राजगढ़ स्कूल में क्वांरटाईन में रखा गया है । इसके उपंरात दूसरे लॉट में 30 मार्च को नारंकडा से सहारनपुर जा रहे 10 मजदूरों, तीसरे लॉट में शिलाई और कमरऊ जा रहे सात मजदूरों और चौथे लॉट में सहारनपुर, हरिपुरधार और शिलाई जा रहे 11 मजदूरों को एहतियात के रूप मेें क्वारंटाईन होम में रखे गए है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हो सके ।
बता दें कि शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान द्वारा भी अर्धशासस्कीय पत्र लिख कर मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया था कि शिलाई क्षेत्र के अधिकांश लोग शिमला व अन्य क्षेत्रों में मजदूरी करते हैं जिनके वापिस घर लौटने के लिए उतराखंड सरकार की तर्ज पर विशेष बसों का प्रबंध किया जाए । इनका कहना था जबकि हिमाचल में स्थिति नियंत्रण में है और घर से बाहर मजदूरी कमाने गए लोगों को घर पहूंचाने की सरकार को व्यवस्था की जानी चाहिए ।