पहले दिन 60 फीसदी तक रही विद्यार्थियों की उपस्थिति
एसबीआई फाउंडेशन के प्रेसिडेंट व सीएलटी इंडिया के प्रसिद्ध कार्यकारी अधिकारी बैंकर निक्सन जोसफ ने बतौर मुख्यातिथि की शिरकत, विद्यार्थियों को पढ़ाया सफल जीवन का पाठ
शिमला, अगस्त 2
राजधानी शिमला के स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में बुधवार से नए शैक्षणिक सत्र व नियमित कक्षाएं शुरू हो गई है। पहले दिन नए और पुराने विद्यार्थियों की 60 फीसदी हाज़िरी रही। नियमित कक्षाओं से पहले एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के कुलपति प्रो. डॉ. आर.एस. चौहान की अध्यक्षता में स्नातक और परास्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने विद्यार्थियों के लिए परिचय सत्र का आयोजन किया गया। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय के कुलपति प्रो. चौहान ने विश्वविद्यलय के सभागार में मौजूद प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। प्रो. चौहान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़े। नए विद्यार्थियों को सुभकामनाएँ देते हुए कुलपति प्रो. आर.एस. चौहान ने कहा वैश्विक स्पर्धा और टेक्नोलॉजी के इस युग में जीवन की चुनौतियों में युवाओं को जीवन जीने का मूलमंत्र सिखाना है और यह बेहतर शिक्षा और मानव जीवन के मूल्यों को अपनाने से संभव है। प्रो. चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यलय विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य को संवारने के लिए वचनबद्ध है और विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा के साथ उन्हें जीवन मूल्यों से भी अवगत करवाना है ताकि वे सही मायनों में बेहतर इंसान के साथ-साथ चरित्रवान, ईमानदार, कर्मयोगी और देश के बेहतर नागरिक बन सकें। प्रो. आर.एस. चौहान ने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यलय को आदर्श व सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विश्वविद्यलय बनाना है, यह विद्यार्थियों और प्राध्यापकगण के सार्थक प्रयास, सृजनात्मक, अनुसंधान और नए नवाचारों का विद्यार्थीवर्ग में बेहतर शिक्षा के माध्यम से संभव है और इसके लिए अपडेटेड पाठ्यक्रम, ज्ञानशक्ति, सशक्तिकरण, आत्मविश्वास की शक्ति, कम्युनिकेशन स्किल और इस दिशा में पूरी ताकत के साथ मेहनत करना पहला महत्त्वपूर्ण कार्य है।
विद्यार्थियों से प्रो. चौहान ने कहा कि गुणात्मक व सभ्याचारक गतिविधियों, विद्यार्थियों की जॉब-प्लेसमेंट और जॉब क्रेटर्स बनाने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और मैनेजमेंट का ज़ोर होगा ताकि विद्यार्थी प्रतिस्पर्धा के युग में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने कहा कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय आप सभी विद्यार्थियों से सिर्फ़ यह चाहता है कि आपने जिस उद्देश्य से एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में नामांकन लिया है उस उद्देश्य को पूरा करने में विश्वविद्यालय के शिक्षकगण आप की हर ज़रूरत को पूरा करने और हर क्षेत्र में पारंगत बनाने के लिए तत्पर हैं। एपीजी शिमला विश्वविद्यलय में अध्ययन के दौरान आप अपने आस पास होने वाली शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलावों, नवाचारों को समझने का प्रयास करें और अपने शिक्षकों एवं सहपाठियों से उनकी अच्छी बातें को शिक्षण ही नहीं बल्कि उन्हें आत्मसात् करें ताकि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हों और कर्मसाधना करते हुए ईश्वर से सफल इंसान बनने की प्रार्थना करें और अपने माता-पिता को न भूलें। नए शैक्षणिक सत्र व छात्र-परिचय कार्यक्रम में भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया फाउंडेशन व सीएलटी इंडिया के कार्यकारी प्रसिद्ध भारतीय बैंकर निक्सन जोसफ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कुलपति प्रो. चौहान ने निक्सन जोसफ का कार्यक्रम में पधारने और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद किया। निक्सन जोसफ ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता का मूल आधार मजबूत इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच है । जिसने इस मंत्र को आचरण में ढाल लिया वह हर क्षेत्र में सफल होता है। निक्सन जोसफ ने विद्यार्थियों को कठिन परिस्थितियों में जीवन जीने का पाठ सिखाया कि जीवन पहले और महत्त्वपूर्ण और मन की शांति पहली शर्त है और यह तभी हो सकता है जब लोग मानसिक संतुलन के साथ महान जीवन मूल्यों को जीवन में उतारने में कामयाब हो और इस कामयाबी के लिए सही तालीम और पवित्र विचार चाहिए। निक्सन का यह प्रेरक संदेश है खासकर युवाओं को कठिन परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए काफी प्रेरणादायक रहा कि कैसे जीवन में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि जीवन जीना एक कला है। सकारात्मक सोच, कड़ी मेहनत से आसानी से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती हैं पर आपको कड़ी मेहनत करने से रुकना नहीं हैं और मंजिल तक का पूरा सफर कर जीवन के हर क्षेत्र में सफलताओं को पाना है और दूसरों को भी प्रेरित करना हैं। बैंकर निक्सन जोसफ ने छात्रों से अपनी सफलताओं और जीवन के अनुभवों को भी सांझा करते हुए कहा कि वह एक छोटे से बैंक अधिकारी से अपनी मेहनत और सकारात्मक सोच के बल पर एस बीआई के प्रेजिडेंट व सीओओ बनकर लोगों को सोशल-बैंकिंग से जोड़ा और ग्रामीण युवाओं को बैंकिंग के जरिए जोड़कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का मूलमंत्र भी दिया कि किस तरह सामाजिक व वितीय सिस्टम को जनहित में मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ उन्नत किया । निक्सन ने छात्रों से आग्रह किया कि वे समुदाय विकास के लिए डिजिटल इनफार्मेशन के द्वारा लोगों को सही दिशा की ओर प्रेरित करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि वह एथलीट नहीं थे फिर भी अधेड़ उम्र में एसबीआई की मैराथन दौड़ में भाग लेने का निश्चय कर आगे बढ़ा और भारत के पहले ऐसे बैंकर बनें। निक्सन ने छात्रों को जीवन की परिस्थितियों से लगातार सीखने को कहा कि आपको कैसे आगे बढ़ना है पर आपके अन्दर जज्ज्बा और सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए। जोसफ ने कहा कि उन्हें बैंकिंग में उनकी सार्वजनिक उत्कृष्ट सेवाओं को देखते हुए उन्हें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार और डॉ. कलाम मेमोरियल इग्नाइटेड माइंड अवार्ड से पुरष्कृत किया जा चुका हैं जिसके पीछे कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच थी। निक्सन ने छात्रों को एसबीआई की ‘युथ फ़ॉर इंडिया फेलोशिप’ कार्यक्रम के तहत जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया कि वे ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर काम करने के लिए भागीदार बन सकतें हैँ जिसके लिए हर साल एक सौ युवाओं का इसके लिए चयन किया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि गूगल पढ़ने की बजाय किताबें पद्गने की आदत अपनाएं, लिखने और बोलने का अभ्यास करें ताकि विद्यार्थियों की कम्युनिकेशन स्किल में विकास हो और इससे ही सही नेतृत्व के गुण भी विकसित होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन कुछ नया नवाचार पर काम करें जिससे सामाजिक विकास करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए कुछ नया सीखें। उन्होंने कहा कि आज के युवा ग्रामीण विकास और निर्धारित मानव विकास के लिए लोगों को प्रेरित करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बैकिंग क्षेत्र और उत्पादन एजेंसियों से जोड़ें जिसमे जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक सोच वाला हो जाएगा। शिक्षा ऐसे हासिल करें कि विद्यार्थी जॉब क्रेटर्स बनें न कि जॉब सीकर। छात्र-परिचय के बाद विद्यार्थियों ने विश्वविद्यलय के सभी विभागों का दौरा किया और अपनी-अपनी कक्षाओं और प्राध्यापक गण से परिचय कराया गया और कैंपस में पूरा दिन नए पुराने विद्यार्थियों की रौनक छाई रही।
कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार पॉल, डीन अकैडमिक प्रो. डॉ. आनंद मोहन, परीक्षा नियंत्रक अफ़ज़ल खान, डीन विज्ञान विभाग डॉ. रोहिणी धरेला, विभागाध्यक्ष विज्ञान विभाग डॉ. मनिंदर कौर, विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग प्रो. डॉ. अश्वनी शर्मा, पैरामेडिकल विभाग की विभागाध्यक्ष व कार्यक्रम की संचालिका डॉ. प्राची वैद, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नीलम शर्मा और सभी विभागों के शिक्षक, गैर-शिक्षक कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे।