डाकिया डाक नहीं – पैंशन लाया । जब ंचलोग गांव 74 वर्षीय दृष्टिहीन वृद्धा बसंती देवी और बागड़ा गांव के 76 वर्षीय कमला बहादुर के हाथ पर डाक विभाग के कर्मचारी हंसराज द्वारा साढ़े चार हजार की राशि रखी तो इनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा । क्योंकि लॉकडाउन के दौरान बुजुर्गों को पैंशन समय पर मिलने की उमीद नहीं थी । दृष्टिहीन बसंती ने बताया कि पैंशन ने उनके जीवन में जीने की एक नई किरण पैदा की है अन्यथा उन्हें अपने छुटपुट खर्चों के लिए पैसे के बिना बहुत तंगी होती थी ।
कोरोना के महासंकट में डाक विभाग के कर्मचारी हंसराज वर्मा कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी के साथ कोरोना योद्धा के रूप में कार्य रहे है और अपनी जान की जोखिम में डालकर कड़कती धूप और बारिश की परवाह किए बगैर घर घर जाकर वृद्ध, विधवा और अपंगों को पैंशन बांट रहे है । गौर रहे कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न हुए महा संकट में सभी चिन्हित परिवारों को तीन माह की एडवांस पैंशन घर घर वितरित करनेे के आदेश दिए हैं ताकि विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी न हो ।
हंसराज ने बताया कि इनके द्वारा 22 गांवों के चिन्हित 260 पात्र व्यक्तियों को घर घर पैदल जाकर पैंशन बांटी जा रही है जिनमें गांव बागड़ा, चलोग, शिल्ली, ट्रहाई, नाटला, बटोला, देवठी, जठोग, गानिया सहित कुल 22 गांव शामिल है ।
इनका कहना है पैंशन धारकों में अधिकांश व्यक्ति बहुत ही गरीब है जिनके लिए पैंशन ही दो जून की रोटी का एक मात्र सहारा है । उन्होने बताया कि 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गो को प्रतिमाह 1500 रूपये , विधवा और अपंग व्यक्तियों को एक-एक हजार तथा अन्य सभी पैंशन धारकों को 850 रूपये प्रतिमाह पैंशन दी जा रही है ।