कोरोना वायरस ने भारत से लेकर समूची दुनिया को हिलाकर रख दिया है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात मरकज में 16 देशों और भारत के 19 राज्यों से आए करीब 2000 से ज्यादा लोग इकट्ठा थे. इनमें उस देश के लोग भी शामिल हैं, जहां कोरोना वायरस अपना पैर फैला चुका है. हालांकि, प्रशासन ने 36 घंटे की मशक्कत के बाद इन सारे लोगों को मरकज से बाहर निकालकर अस्पताल में भर्ती तो करा दिया है, लेकिन काफी लोग जमातियों के संपर्क में आ गए हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है.
दिल्ली में कोरोना के चलते 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही थी, उसी समय 13 मार्च को धार्मिक कार्यक्रम में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में देश-विदेश से आए जमाती ठहरे हुए थे. इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान सहित 16 देशों के लोग शामिल थे. इन सारे देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के केस तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में इनके एक जगह जमा होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है और लोग चिंतित भी हैं.
तबलीगी जमात की ओर से मरकज में 1 हजार 746 लोगों के ठहरे होने की जानकारी दी गई थी. इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीयों का जिक्र था. हालांकि, तबलीगी जमात के मरकज को खाली कराया तो काफी ज्यादा लोग निकले. तबलीगी जमात के मरकज से निकाले गए करीब 2000 लोगों को क्वारंटीन में तो भेज दिया गया. मरकज जो से लोग चोरी-छिपे निकल गए हैं और राज्यों के अलग-अलग शहर और गांव में फैल गए हैं. पुलिस प्रशासन देश और विदेशी जमातियों की तलाश युद्ध स्तर पर कर रही है ताकि उन्हें आइसोलेट किया जा सके और देश में कोरोना को फैलने से रोका जा सके.