चंबा को शिवभूमि के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव इन्हीं पहाड़ों में निवास करते हैं। हिमाचल की पीर पंजाल की पहाडिय़ों के पूर्वी हिस्से में तहसील भरमौर में स्थित है प्रसिद्ध मणिमहेश तीर्थ। हिमाचल के चंबा शहर से करीब 82 किलोमीटर की दूरी पर बसे मणिमहेश में भगवान भोले मणि के रूप में दर्शन देते हैं। इसी कारण इसे मणिमहेश कहा जाता है। धौलाधार, पांगी व जांस्कर पर्वत शृंखलाओं से घिरा यह कैलाश पर्वत मणिमहेश कैलाश के नाम से भी जाना जाता है।
पैदल मार्ग भी शिव के पर्वतीय स्थानों के साथ जुड़ी हुई शर्त है। कैलाश, आदि कैलाश या मणिमहेश कैलाश-सभी दुर्गम बर्फीले स्थानों पर हैं। इसलिए यहां जाने वालों के लिए एक व्यक्ति का सेहतमंद होना अनिवार्य है। जरूरी गरम कपड़े व दवाएं भी हमेशा साथ हों। मणिमहेश झील के लिए सालाना यात्रा के अलावा भी जाया जा सकता है। मई, सितंबर व अक्टूबर का समय इसके लिए उपयुक्त है। रोमांच के शौकीनों ने धर्मशाला व मनाली से कई ट्रैकिंग रूट भी मणिमहेश झील के लिए खोज निकाले गए हैं।