वन विभाग में महज 23 दिन बाद ही फिर से नए प्रधान मुख्य अरण्यपाल (पीसीसीएफ) की तलाश शुरू हो गई है। दो फरवरी को पदभार संभालने वाले वीके तिवारी 28 फरवरी को रिटायर हो जाएंगे। वन विभाग में अभी तक पीसीसीएफ का ओहदा संभालने वाले अधिकारियों में उनका कार्यकाल सबसे कम रहेगा। वह महज 26 दिन तक ही इस पद पर रह पाए हैं। 1986 बैच के आईएफएस अधिकारी मौजूदा पीसीसीएफ वीके तिवारी ने दो फरवरी को इस पद का कार्यभार संभाला था। अब नया पीसीसीएफ बनने के लिए जो अधिकारी कतार में हैं, उनमें चार नाम प्रमुखता से चल रहे हैं। इनमें सबसे पहला नाम केंद्र सरकार में सेवारत समीर रस्तोगी का है। हालांकि रस्तोगी ने अभी तक इस पद के लिए आवेदन नहीं किया है। इसके बाद राजीव कुमार और पवनेश कुमार शामिल हैं। पवनेश कुमार वन निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, जबकि राजीव कुमार इस समय वन्य प्राणी विभाग के पीसीसीएफ के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं।
दोनों ही अधिकारी 1988 और 1989 बैच के हैं। वीके तिवारी की नियुक्ति के समय भी दोनों अधिकारी पीसीसीएफ बनने की दौड़ में शामिल थे, लेकिन प्रदेश सरकार ने केंद्र में सेवारत वीके तिवारी को सेवानिवृत्ति से ठीक पहले इस बड़े ओहदे पर बिठाने का फैसला किया। इन तीन अधिकारियों के अलावा चौथा नाम अमिताभ गौतम का भी है। अमिताभ गौतम प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल प्रशासन का जिम्मा संभाल रहे हैं। फिलहाल, वन विभाग प्रमुख बनने की इस रेस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है और इसके लिए कदमताल शुरू हो गई है। 28 फरवरी को वीके तिवारी की सेवानिवृत्ति से ठीक पहले प्रदेश सरकार नए पीसीसीएफ की तैनाती करेगी। नए पीसीसीएफ के पद पर 27 फरवरी तक फैसला आने की उम्मीद है और सेवानिवृत्ति के साथ ही नए पीसीसीएफ के नाम का ऐलान भी राज्य सरकार को करना होगा। फिलहाल इस पद के लिए कतार में चार लोग शामिल हैं, लेकिन दो अधिकारियों में मुख्य मुकाबला चल रहा है और अब देखना यह है कि राज्य सरकार किसके हिस्से में फैसला लेती है।