ठेकेदार के काम छोड़ने से अधर में लटका कॉलेज भवन का निर्माण
शिमला 26 सितंबर
बीते सात वर्षों से डिग्री कॉलेज कोटी की कक्षाएं प्राथमिक पाठशाला भवन में चल रही है । जिसके चलते इस कॉलेज में आजतक साईंस की कक्षाएं आरंभ नहीं हो सकी । जबकि आर्टस और कॉमर्स के पांच बैच इस कॉलेज से अबतक पासऑउट होकर निकल चुके हैं । बता दें कि भवन का निर्माण कर रहे ठेकेदार के काम छोड़कर जाने से कॉलेज का कार्य अधर में लटक गया है और विभाग मूकदर्शक बनकर बैठा है । और क्षेत्र के नौ पंचायतों के लोग विभाग की इस लापरवाही बारे सरकार को कोस रहे हैं । वर्तमान में इस कॉलेज में 150 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । मूलभूत सुविधाओं के अभाव में इस कॉलेज में विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी दिक्कत पेश आ रही है । बता दें कि वर्ष 2014 में डिग्री कॉलेज कोटी को संचालित करने के लिए स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी । तदोपंरात प्राथमिक पाठशाला का भवन खाली करवा कर कॉलेज को उसमे शिफ्ट किया गया था । कॉलेज सूत्रों के अनुसार इस भवन की हालत भी काफी खस्ता हो गई है ।
क्षेत्र के प्रतिभावान विद्याथर््िायों को विज्ञान विषय की पढ़ाई के लिए शिमला अथवा सोलन जाना पड़ता है ।
गौर रहे कि इस डिग्री कॉलेज के भवन की आधारशिला पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा 17 मई 2015 को रखी गई थी । जिसके भवन के लिए उनके द्वारा पांच करोड़ की घोषणा की गई थी । लिहाजा इस कालेज का नक्शा व प्रशासनिक स्वीकृत प्राप्त करने में करीब छः वर्ष लग गए ।
प्रदेश किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ0 कुलदीप तंवर ने डिग्री कॉलेज के भवन निर्माण में हो रहे विलंब को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । इनका कहना है कि उनके द्वारा क्षेत्र की दस पंचायतों के लोगों के सहयोग से इस कॉलेज को तत्कालीन कांग्रस सरकार के कार्यकाल में खुलवाया गया था जिसके लिए अनेकांे बार आन्दोलन भी किए गए थे ताकि कसंुपटी क्षेत्र के गरीब बच्चों को घरद्वार पर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर मिल सके । उन्होने कहा कि वर्ष 2014 के उपरांत प्रदेश में जो डिग्री कॉलेज खोले गए थे उन सभी कॉलेज के पास अपने भवन है। बताया कि कॉलेज भवन का निर्माण कर रहे ठेकेदार बीते काफी महीनों से काम छोड़ कर चले गए हैं और लोक निर्माण विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर रहा । उन्होने कहा कि यदि लोक निर्माण इस कार्य की पुनः टैंडरिंग करवा कर कार्य आरंभ नहीं करता तो उन्हें आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा ।
अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग शिमला सर्कल सुरेश कपूर ने बताया कि ठेकेदार को कार्य छोड़ने पर पेनेलटी लगाई जा रही है । यदि ठेकेदार इस कार्य को नहीं करेगा तो उस स्थिति में भवन की रि-टैंडरिंग करवाई जाएगी । बताया कि इस भवन पर सात करोड़ रूपये व्यय होगें जिसमें आठ ब्लॉक निर्मित किए जाएंगे।
फोटो कैप्शन- प्राथमिक पाठशाला भवन में चल रहे डिग्री कॉलेज कोटी और प्रस्तावित नए भवन का अधूरा कार्य