Preneeta Sharma, अर्की
हिमाचल प्रदेश वेसे तो देवभूमि के नाम से जानी जाती है। पर हिमाचल में आज भी कुछ ऐसे मंदिर है जहाँ आज भी अद्भुत चीजे सुनने को मिलती है वैसे ही हिमाचल के अर्की में एक ऐसा मंदिर जहाँ भगवान शिव पीते है भांग से भरी सिगरेट।
यह मंदिर सोलन जिला के अर्की में 4किलोमीटर पहाड़ी पर स्तिथ है। आप दो तरीके से पहुंच सकते हैं, पहले या तो आप यहां पर चलकर भी आ सकते हैं या गाड़ी में आ सकते है।
इस मंदिर में शिव भक्त भगवान महादेव को एक अलग ही नाम से पुकारते है। आपको बता दे इस मंदिर में शिव भक्त उन्हें अलग ही नाम से पुकारते हैं वैसे इस मंदिर को लूटरु महादेव के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर में जो भी शिवभक्त श्रद्धालु यहां आता है वह अपने भगवान के लिए सिगरेट अवश्य लाता है। वहां के लोगों की मान्यता है कि अगर कोई शिव भक्त सिगरेट शिव को अर्पित करता है उसी भोलेनाथ बड़े चाव से पीते हैं।
लुटरु महादेव मंदिर 1621 साल में बनाया गया था। कहां जाता है भगवान शिव भागल रियासत के तत्कालीन राजा के सपने में आए थे और उन्होंने मंदिर बनाने की आदेश भी दिए थे।
वहां के बुजुर्गों की यह भी मान्यता है कि अनादिकाल में जब शिव पार्वती विवाह हुआ था तो सभी देवता शादी में शामिल होने के लिए कैलाश की ओर चल पड़े थे। सभी देवताओं की एक तरफ आने से धरती का संतुलन बिगड़ने लग गया था। ऐसी में भगवान शिव ने लूटा महादेव की गुफा में तपस्या कर रहे अगस्तय ऋषि आदेश दिया था कि वह दक्षिण की ओर चली जाए ताकि धरती का संतुलन बना रहे। लुटरु महादेव में बनी गुफाएं भी चमत्कारी से कम नहीं है। आगरे चट्टानों से निर्मित इस गुफा की लंबाई पूर्व से पश्चिम की तरफ लगभग 25 सीट और उत्तर से दक्षिण की तरफ 42 फीट है। गुफा की ऊंचाई की बात की जाए तो यह तल से 6 फीट से 30 फीट तक है।गुफा की ऊंचाई समुद्र तल से 5500 फीट है और इस के चारों ओर 150 फीट का क्षेत्र एक विस्तृत चट्टान के रूप में फैला है। गुफा के अंदर मध्य भाग में 8 इंच लम्बी प्राचीन प्राकृतिक शिव की पिंडी विद्यमान है।
गुफा की छत में परतदार चट्टानों के रूप में भिन्न-भिन्न लंबाइयों के छोटे-छोटे गाय के थनों के आकार के शिवलिंग दिखाई पड़ते हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इनसे दूध की धारा बहती थी, लेकिन अब इन प्राकृतिक थनों से पानी की कुछ बूंदे टपकती रहती हैं, जिन्हें देख कर मानव आश्चर्यचकित हो जाता है।
महादेव मंदिर मैं यह भी कहा जाता है कि अगर भगवान शिव को सिगरेट अर्पित की जाती है तो वह अपने आप ही सुलगने लगती है और इससे निकलने वाला धुआं देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान शिव उसे पी रहे हैं। शिव की इस अद्भुत आश्चर्यचकित करने वाले दृश्य को देखने के लिए यहां पर दूर दूर से लोग आते हैं।
लुटरू माहदेव के इस मंदिर में शिवलिंग में कई जगहों पर गड्ढे बने हुए हैं, जहां श्रद्धालु सिगरेट फंसा देते हैं। और ये सिगरेट अपने आप सुलगने लगती है। माना जाता है कि यहां सिगरेट चढ़ाने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है।
कैसे पहुंचे लुटरु महादेव मंदिर
शिमला से अर्की 42 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ पर बस गाड़ी से पहुँच सकते है।