हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिन पहले ऑउटसोर्स पर तैनात नर्सों को अस्पताल से निकाला गया था, जिस पर काफी लोगों ने प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम का विरोध भी किया था। कोरोना काल में इन नर्सों ने अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना दिन रात लोगों का उपचार किया है। इतना ही नहीं उन में से कुछ नर्सें कोरोना संक्रमित भी हुईं। लेकिन उनके इस वलिदान के बावजूद नर्सों को नौकरी से निकालकर उनके पेट पर लात मार दी गई।
शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान नर्स पूनम ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में 42 नर्सों को आऊटसोर्स के माध्यम से भर्ती किया गया था लेकिन अब नर्सिंग सुपरिंटैंडैंट ने नर्सों को ड्यूटी पर आने के लिए मना कर दिया है। जिसके बाद से अब सारी नर्सें शिमला पहुंची हैं और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिली हैं।
वहीं, अब डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर से निकाली गई 42 नर्सें उनके साथ हुए अन्याय पर सरकार के खिलाफ खड़ी हो गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन नर्सों को जुलाई, 2019 में आऊटसोर्स पर भर्ती किया गया था लेकिन अब इन्हें सेवाएं समाप्त करने के पत्र थमाए जा रहे हैं।