हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को देश का झंडा न फहराने देने की खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस के पदाधिकारियों की धमकी का राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी की बेंच ने मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज न फहराने देने की धमकी देकर सांविधानिक दायित्व का निर्वहन न करने देने को प्रथम दृष्टया मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए जांच के लिए स्वीकार कर लिया है।
साथ ही डीजीपी को मुख्यमंत्री को उपयुक्त सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है। उन्हें मुहैया करवाई गई सुरक्षा के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। डीजीपी को इस संबंध में एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा है। मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। बता दें कि खालिस्तान समर्थक की धमकी के बाद पुलिस ने पहले ही राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जेड सुरक्षा को राज्य के भीतर जेड प्लास करने और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर की वाई श्रेणी की सुरक्षा को राज्य के भीतर जेड श्रेणी कर दिया है।
सुक्खू को भी आया झंडा न फहराने देने वाली धमकी भरा फोन
शोकोद्गार प्रस्ताव पर चर्चा के बीच सदन में नादौन के कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वह अभी बाहर गए तो उन्हें यूके के नंबर से फोन आया और किसी ने फोन पर कहा कि 15 अगस्त को हिमाचल में झंडा नहीं फहराने देंगे। उन्होंने कहा कि यह मामला सदन के ध्यान में लाते हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत पत्रकारों को फोन पर आ रही खालिस्तानी धमकी के बाद प्रदेश की सीमा परवाणू में सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए हैं। पुलिस एनएच पर नाकाबंदी कर बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के वाहनों की जांच के बाद ही प्रवेश करवाया जा रहा है। रोजाना कालका-शिमला एनएच से हजारों वाहनों की आवाजाही होती है। जानकारी के अनुसार खालिस्तान समर्थक सिख इंटरनेशनल काउंसिल संगठन के रिकॉर्ड संदेश की कॉल के बाद पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा इंतजाम बढ़ा दिए हैं। मोबाइल पर आ रहे रिकॉर्डिड संदेश में 15 अगस्त को मुख्यमंत्री को तिरंगा
नहीं फहराने की धमकी मिल रही है। इस पर प्रदेश की सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है और आने जाने वाले वाहनों की जांच के आदेश हैं। कालका-शिमला एनएच पर परवाणू टीटीआर के समीप पुलिस ने नाकाबंदी शुरू कर दी है। बाहरी राज्यों से आने वाले छोटे-बड़े वाहनों की जांच की जा रही है। बिना जांच के किसी भी वाहन का प्रवेश नहीं करवाया जाएगा।उधर, डीएसपी परवाणू योगेश रोल्टा ने बताया कि प्रदेश में मिली धमकी और 15 अगस्त के कार्यक्रमों के चलते परवाणू सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। बाहरी राज्यों से आने-जाने वाले सभी वाहनों की गहनता से जांच की जा रही है।